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धूप का अच्छा चश्मा खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?  – Utkal Mail

गैलिसिया (स्पेन)। आपको आजकल सुपरमार्केट एवं पेट्रोल पंप से लेकर आम दुकानों और ऑनलाइन फैशन खुदरा विक्रेताओं तक, कहीं से भी सस्ता धूप चश्मा आसानी से मिल सकता है। लेकिन, इस बात को लेकर हमेशा संदेह रहता है कि क्या ये चश्मे आंखों को धूप से बचा सकते हैं या नहीं। इस प्रकार के चश्मों में लगे लेंस आमतौर पर यूवी (अल्वावॉयलेट) किरणों से पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराते और दिखने में स्पष्टता जैसे अन्य मामलों में भी उनकी गुणवत्ता निराशाजनक होती है। 

‘ऑप्टिशियन’ (चश्मा बनाने वाला) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करना होता है यानी चश्मा बनाते समय उनके लिए उच्च मानकों का पूरा करना अनिवार्य है। इसका अर्थ यह है कि पेशेवर ऑप्टिशियन ग्राहकों को अपने लिए ऐसा धूप चश्मा चुनने में बेहतर तरीके से मदद कर सकते हैं जो न केवल उनकी व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करता हो, बल्कि आरामदायक भी हो और उनके चेहरे की बनावट के भी अनुकूल हो। 

सुरक्षा के नियम
यूरोपीय कानून धूप के चश्मे के लेंस को ‘व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण’ के रूप में वर्गीकृत करता है, जिसे सुरक्षा के पांच स्तरों को पूरा करना चाहिए। श्रेणी ‘शून्य’ के लेंस 80-100 प्रतिशत प्रकाश को अंदर जाने देते हैं, जबकि श्रेणी चार के लेंस केवल तीन से आठ प्रतिशत को ही चश्मे से अंदर जाने देते है जिसका अर्थ है कि वे वाहन चलाते समय पहने जाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। श्रेणी तीन का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, क्योंकि ये वाहन चलाने सहित अधिकतर स्थितियों के लिए उपयुक्त होते हैं। तो, क्या गहरे रंग के लेंस आपकी बेहतर सुरक्षा करते हैं? इसका संक्षिप्त उत्तर है… ऐसा जरूरी नहीं है।

प्रकाश अवशोषण की डिग्री इस बात पर निर्भर करती है कि उनका उपयोग कैसे और कहां किया जाएगा। श्रेणी चार के लेंस ऊंचे पहाड़ों या रेगिस्तान जैसे अत्यधिक रोशनी वाले क्षेत्रों के लिए बनाए गए हैं, लेकिन वास्तव में अन्य स्थितियों में इनका इस्तेमाल करने पर आपकी दृश्यता कम हो सकती है। बहरहाल, स्थापित मानकों को पूरा करने वाले धूप के सभी चश्मे आपकी आंखों को यूवी विकिरण से बचाएंगे। 

दृश्यता की गुणवत्ता
धूप का चश्मा पहनने से ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको देखने में दिक्कत हो रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेंस प्रकाश को चुनिंदा रूप से छानते हैं: यह एक प्रकार के विकिरण को अंदर आने देता है और अन्य की पहुंच को सीमित कर देता है। 

रंग मायने रखता है
हमें लेंस की गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ ही इसके रंग पर भी गौर करना चाहिए। चश्मे के लेंस का रंग धूप से मिलने वाली सुरक्षा को प्रभावित नहीं करता, लेकिन यह आंखों में लगने वाली चमक पर असर डालता है क्योंकि प्रत्येक रंग प्रकाश की एक अलग तरंगदैर्ध्य (वेवलैंथ) को छानता है। प्लास्टिक या कांच के लेंस?
केवल रंग ही दृश्यता स्तर की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता। हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि लेंस किस चीज से बने हैं। हालांकि ये आमतौर पर विशेष प्लास्टिक से बने होते हैं लेकिन आप शीशे वाले लेंस भी पहन सकते हैं। प्लास्टिक के लेंस हल्के और मजबूत होते हैं जबकि कांच के लेंस पर खरोंच की आशंका कम रहती है और उनका रंग भी जल्द खराब नहीं होता यानी कांच के लेंस बेहतर दृश्यता प्रदान करते हैं। 

‘पोलेराइज्ड लेंस’
‘पोलेराइज्ड लेंस’ सड़क या पानी जैसी सतह से परावर्तित होने के बाद एक निश्चित कोण पर आंख तक पहुंचने वाली रोशनी को रोकते हैं, जिससे आंखों पर पड़ने वाली चमक कम हो जाती है। वे विशेष रूप से उस समय के लिए उपयुक्त हैं जब आप गाड़ी चला रहे हों या पानी के आसपास हों।

अन्य विशेषताएं
डिजाइन संबंधी विशेषताओं को हम धूप का चश्मा चुनते समय नजरअंदाज नहीं कर सकते। चश्मे को चुनते समय किसी भी प्रकार का संदेह होने पर सबसे अच्छी सलाह यह है कि आप अपने ‘ऑप्टिशियन’ या ‘ऑप्टोमेट्रिस्ट’ से बात करके धूप का वह चश्मा चुनें जो आपकी जरूरतों को पूरा करता हो। 

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