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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने स्थगित किए चुनाव, कहा-निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रक्रिया पूरी करना असंभव  – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने 28 मार्च को होने वाले अपने चुनाव बुधवार को स्थगित करते हुए कहा कि दिल्ली और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों द्वारा संस्था को निर्वाचक मंडल से हटाए गए नामों को बहाल करने का निर्देश दिए जाने के बाद ‘मूल रूप से तय समय-सीमा के अंदर प्रक्रिया पूरी करना असंभव है’। बीएफआई ने अपने सदस्य इकाइयों को एक अधिसूचना में कहा, आपको सूचित किया जाता है कि बीएफआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) स्थगित कर दी गई है जो 28 मार्च 2025 को होने वाली थी।  एजीएम के दौरान पदाधिकारियों के चुनाव होने थे। 

बीएफआई ने कहा कि एजीएम को स्थगित करने का फैसला निर्वाचन अधिकारी (सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति) आरके गौबा के 21 मार्च के आदेश के बाद जरूरी हो गया था। अधिसूचना में कहा गया है, निर्वाचन अधिकारी ने पाया कि न्यायालय के आदेशों और निर्वाचक मंडल सूची में अनिवार्य जुड़ाव के कारण आदर्श चुनाव संहिता के अनुसार मूल रूप से निर्धारित समयसीमा के भीतर चुनाव प्रक्रिया को जारी रखना और पूरा करना व्यावहारिक रूप से असंभव है।  निर्वाचक मंडल को 13 मार्च को अंतिम रूप दिया गया था जबकि नामांकन की विंडो 14 से 16 मार्च तक थी। अपने आदेश में गौबा ने कहा कि दोनों न्यायालय के आदेशों के अनुसार आदर्श चुनाव संहिता के तहत बीएफआई द्वारा कुछ कदम उठाए जाने जरूरी हैं। 

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आदर्श चुनाव संहिता चुनाव प्रक्रिया के लिए समय-सीमा निर्धारित करती है और निर्वाचक मंडल सूची में उपर्युक्त अनिवार्य बदलाव के साथ चुनावी प्रक्रिया को मौजूदा सूची के तहत जारी रखना और पूरा करना व्यावहारिक रूप से असंभव हो जाता है।  दिल्ली और हिमाचल प्रदेश दोनों उच्च न्यायालयों ने बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह द्वारा जारी सात मार्च के आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें उन सभी लोगों को निर्वाचक मंडल का सदस्य होने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था जो अपने राज्य संघों के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएफआई को चुनाव कराने के लिए कहा था जबकि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने महासंघ को पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की उम्मीदवारी के लिए नामांकन की तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया था जिन्हें सात मार्च के आदेश के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बीएफआई ने हिमाचल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन मंगलवार को अपील खारिज कर दी गई। चुनाव में पहले ही कई विलंब हो चुके हैं और ये विवादों का सामना कर रहे हैं। मूल रूप से चुनाव दो फरवरी से पहले होने थे। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा एक तदर्थ समिति नियुक्त करने के बाद ही बीएफआई ने कार्रवाई शुरू की और इस कदम को राष्ट्रीय महासंघ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसने बाद में तदर्थ पैनल पर रोक लगा दी। 

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