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G-20 में वैश्विक सांस्कृतिक गलियारा में 29 देशों की सांस्कृतिक विरासतों की गैलरी भी रही एक आकर्षण – Utkal Mail


नई दिल्ली। जी-20 का 18वां शिखर सम्मेलन न केवल भारत में विश्व के प्रमुख देशों का एक अद्भुतपूर्व संगम था बल्कि राजधानी में नवनिर्मित भव्य भारत मंडपम का इसका आयोजन स्थल भारत की समृद्धि संस्कृतिक और सभ्यता की झांकी बन गया था। आयोजन स्थल पर एक क्राफ्ट बाजार में विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगी थी।

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वहां डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति की भी प्रदर्शनी थी और इसके साथ ही वहां ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ (संस्कृति सबको आपस में पिरोती है) शीर्षक वैश्विक सांस्कृतिक गलियारे में भारत, जापान, अमेरिका, चीन, जैसे जी20 के सभी सदस्य देशों के साथ-साथ कुछ आमंत्रित देशों की सांस्कृतिक और पुरातात्विक वस्तुओं की झांकियां प्रस्तुत की गयी थीं।

आज सम्पन्न हुए दो दिन के शिखर सम्मेलन के दौरान ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ वैश्विक सांस्कृतिक गलियारे का उद्घाटन शनिवार सुबह किया गया। सम्मेलन में यूरोपीय संघ सहित सभी बीस सदस्य देशों और नौ आमंत्रित सदस्यों द्वारा भेजी गयी कलाकृतियां और सांस्कृतिक धरोहरों की प्रतिकृतियां शामिल की गयी थीं।

गैलरी के आकर्षण में भारत की ओर से अष्टाध्यायी, इंडोनेशिया का बाटिक सारंग वस्त्र, ब्राज़ील के संसद भवन की अनुकृति, अर्जेटीना का पोंचो परिधान, ऑस्ट्रेलिया की दजरकपी यिआपुनापु पेंटिंग, कनाडा के समुद्री राक्षसों का मुखौटा, चीन का कमलताल डिजाइन का ढक्कनदार जार, यूरोपियन संघ की ओर से रेडियोधर्मिता की खोज करने वाली महान

वैज्ञानिक मैरी स्कोलोडोव्स्का – क्यूरी (1867-1934) की आवक्ष प्रतिमा, फ्रांस के नीले रंग की पृष्ठभूमि और तितलियों की छाप वाला औक्सरे फूलदान, जर्मनी की वाहन निर्माता फॉक्स वैगन की ऐतिहासिक कार बीटल के लघु मॉडल, इटली की ओर से अपोलो बेल्वेडियर की कांस्य प्रतिमा और जापान के विशेष अवसरों पर पहने जाने वाला ढीला-ढाला परिधान किमोनो की प्रदर्शनी है।

सांस्कृतिक कॉरीडोर में दक्षिण कोरिया के दस्तकारों द्वारा तैयार की गई जोकदुरी-गैट और हेडपीस टोपी, मेक्सिको के क्वेटज़ालकोटल (पंख वाले सर्प देवता) और टालल्टेकुहटली (पृथ्वी की देवी) की मूर्तियां, रूसी खाकास (साइबेरिया) इलाके की महिलाओं की परंपरागत पोशाक बंडी और पोगो, सऊदी अरब के एक अरामी स्टेल (शिलापट्ट) और अन्य अरामी शिलालेखों की झांकी, दक्षिण अफ्रीका की ओर से आदिमानव आस्ट्रेलोपिथेकस अफ्रीकनस की खोपड़ी,

तुर्किये के गोबेकलाइटपे स्टेल (शिलापट्ट), ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा संधि के संपूर्ण मूल दस्तावेज़ की रंगीन फोटोप्रति, अमेरिका की ओर से टायरनी ऑफ मिरर्स, बंगलादेश के प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की आवक्ष प्रतिमा, मिस्त्र के प्राचीन राजा तूतनखामुन का स्वर्ण मुखौटा और आसन, मॉरीशस का रवन्न वाद्यंत्र, नीदरलैंड की ज़िग-ज़ैग चेयर, सिंगापुर की न्यूएटर और न्यूब्रू की अलग-अलग पैकेजिंग, स्पेन के हाथ के पंखे “डिज़ाइनिंग एयर” तथा संयुक्त अरब अमीरात की ओर से घोड़े की सोने की लगाम आकर्षण का केन्द्र थी।

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