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खतीयान आधारित नियोजन बनती है तब झारखंडीयो का भला होगा -विजय शंकर नायक
बोकारो -जब तक खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बनती है और राज्य की सभी नियुक्ति 20 साल के लिए झारखंडीयों के लिए फ्रिज नहीं किया जाता तब तक झारखंडी समाज का कोई भला नहीं होने वाला है ।
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही । इन्होंने यह भी कहा कि खतियान आधारित नियोजन नीति जब तक लागू नहीं की जाती तब तक झारखंडी समाज का भला नहीं हो सकता इसलिए झारखंडी सूचना अधिकार मंच झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से यह मांग करता है कि झारखंडी जनमानस के भावनाओं को देखते हुए अविलंब खतियान आधारित नियोजन नीति को भी लागू करें और समस्त झारखंड की नीयुक्तियों को कम से कम 20 वर्ष तक के लिए झारखंडी युवा नौजवान बेरोजगारों के लिए फ्रीज करने का काम करें जब तक स्थानीय नियोजन नीति , स्थानीय नीति लागू नहीं हो जाती तथा इन नीतियों को लागू होने तक राज्य के सभी नियुक्तियों पर अभिलंब रोक लगाए जाए ।
श्री नायक ने आगे यह भी मांग करते हुए सीएम हेमंत सोरेन से कहा कि सभी नियुक्तियों में झारखंड के बेरोजगार युवाओं को नौकरी सीमा में कम से कम 5 वर्ष का विशेष छूट दी जाए ताकि हमारे वैसे झारखंडी बेरोजगार साथी जिनका नौकरी के आस में उम्र समाप्त हो गयी है ताकि वैसे लोग भी इस नियुक्तियों में शामिल होकर झारखंड के नवनिर्माण में अपना सक्रिय रूप से अपना योगदान देने का काम करें । इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री को गंभीरता पूर्वक इन बिंदुओं पर सोचना होगा तभी ही स्थानीय नीति का लाभ हमारे झारखंडी समाज का भला कर सकेगा नहीं तो मात्र यह नीति झारखंडी समाज के लिए झुनझुना भर साबित होगा ।
श्री नायक ने आगे कहा की स्थानीय नीति 1932 के खतियान आधारित कैबिनेट से पास किए जाने पर मंच हार्दिक रूप से स्वागत करता है क्योंकि झारखंडी समाज की आत्मा की पुकार थी इन्होंने आगे यह भी कहा जिस तरह हिंदुओं का राम मंदिर आस्था का विषय था उसी तरह झारखंडी समाज के लिए खतियान आधारित स्थानीय नीति आस्था नहीं एक सपना था तथा झारखंड की मूल भावना की आत्मा थी जिसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाना स्वागत योग्य है और यह कदम आने वाले दिनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं गठबंधन सरकार को इसका लाभ दिलाने का कार्य करेगा।