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America:बेगुनाह व्यक्ति ने काटी 16 साल तक जेल की सजा, अब डिप्टी शेरिफ की कार्रवाई में मौत… जानिए पूरा मामला – Utkal Mail


किंग्सलैंड (अमेरिका)। गलत दोषसिद्धि के कारण फ्लोरिडा की जेल में 16 वर्ष से अधिक समय काटने वाले एक व्यक्ति की सोमवार को जॉर्जिया में एक डिप्टी शेरिफ की कार्रवाई में मौत हो गई। प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी। मामले की जांच कर रहे ‘जॉर्जिया जांच ब्यूरो’ (जीबीआई) ने मृतक की पहचान 53 वर्षीय लियोनार्ड एलन क्योर के रूप की है, जो हाल में जेल से बाहर आया था। क्योर की मौत की पुष्टि फ्लोरिडा के ‘इनोसेंस प्रोजेक्ट’ (निर्दोष परियोजना) के कार्यकारी निदेशक सेठ मिलर ने की।

मिलर ने दोषमुक्ति मामले में क्योर का प्रतिनिधित्व किया था। मिलर ने कहा कि क्योर की मौत के समाचार से उन्हें बहुत दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि कैसा महसूस होगा, जब आपको पता चले कि आपके बेटे को निर्दोष होने के बावजूद आजीवन कारावास की सजा दी गई है, बाद में उसे जब दोषमुक्त करार दिया जाए तो आपको बताया जाए कि जेल से रिहाई के बाद गोली मारे जाने से उसकी मौत हो गई।’’ 

जीबीआई ने एक समाचार विज्ञप्ति में बताया कि कैमडेन काउंटी के एक डिप्टी ने जॉर्जिया-फ्लोरिडा मार्ग के पास इंटरस्टेट 95 पर एक चालक को वाहन रोकने को कहा और डिप्टी के कहने पर चालक कार से बाहर निकल आया। जीबीआई के अनुसार, चालक ने शुरुआत में तो सहयोग किया लेकिन जब उसे बताया गया कि उसे गिरफ्तार किया जा रहा है तो वह हिंसक हो गया। एजेंसी के अनुसार, प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि जब कार चालक ने डिप्टी के आदेशों का पालन नहीं किया तो उसने स्टन गन निकाली, जिससे चालक चौंक गया और उसने डिप्टी पर हमला करना शुरू कर दिया। 

स्टन गन एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे किसी को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए बिजली का झटका देने के लिए बनाया गया है। जीबीआई ने कहा कि डिप्टी ने उसे स्टन गन और डंडे का इस्तेमाल कर काबू करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने अपनी बंदूक निकाली और जब चालक ने विरोध करना जारी रखा तो उसने उसे गोली मार दी। एजेंसी ने यह नहीं बताया कि डिप्टी शेरिफ ने क्योर के वाहन को क्यों रोका। क्योर को 2003 में फ्लोरिडा के डेनिया बीच में दवा की एक दुकान में डकैती करने का दोषी ठहराया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी क्योंकि उसे डकैती और अन्य अपराधों के लिए पहले भी दोषी ठहराया जा चुका था। क्योर को 16 वर्ष जेल में काटने के बाद इस मामले में बरी कर दिया गया था।

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