ICC World Cup 2023 : वनडे विश्व कप में दमखम के साथ उतरेगा भारत, मध्यक्रम में भम्र की स्थिति कमजोर कड़ी – Utkal Mail
नई दिल्ली। एशिया कप में प्रभावशाली खेल के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम आगामी आईसीसी विश्व कप में आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेगी। टीम पिछले कुछ मैचों में अपनी सभी कमियों को दूर करने में सफल रही है लेकिन अंतिम एकादश तय करते समय मध्यक्रम में किसे मौका मिले इसका पेंच फंसा हुआ है। भारतीय टीम आठ अक्टूबर को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। वनडे विश्व कप के लिए भारतीय टीम का विश्लेषण:
मजबूती:
टीम के बल्लेबाजी क्रम को लेकर किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। यह बल्लेबाजी क्रम 2011 की ऐतिहासिक टीम के बाद से भारत का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी क्रम है। रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, लोकेश राहुल, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा की मौजूदगी इस टीम की बल्लेबाजी को बेहद मजबूत बनाती है। टीम के पास ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव जैसे विकल्प भी है जो अपने दम पर मैच का पासा पलटने की क्षमता रखते हैं। इस बल्लेबाजी क्रम की अच्छी बात यह है कि ज्यादातर खिलाड़ियों ने सही समय पर लय हासिल की है और इन सबके पास परिस्थितियों के मुताबिक आक्रामक या रक्षात्मक बल्लेबाजी करने की क्षमता है। गिल ने पिछले एक साल में 1200 से ज्यादा रन बनाये हैं जबकि राहुल ने फिटनेस हासिल करने के बाद वापसी के बाद पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय पारी खेली।
कमजोरी:
भारतीय टीम की स्पिन गेंदबाजी कागजों पर मजबूत दिख रही है लेकिन सपाट पिचों पर रविचंद्रन अश्विन और जडेजा की गेंदबाजी बल्लेबाजों को रोकने में कितनी सफल होगी यह देखना होगा। अक्षर पटेल के चोटिल होने के कारण भारतीय टीम को दायें हाथ के स्पिनर का विकल्प मिला लेकिन युजवेंद्र चहल को इस प्रारूप में लगभग एक साल तक लगातार टीम में रखने के बाद बाहर का रास्ता दिखाना यह दर्शाता है कि चयनकर्ताओं के पास विकल्प की कमी है। विकेट से अगर मदद मिली तो जडेजा कारगर गेंदबाजी करते है लेकिन सपाट पिचों पर उनके खिलाफ आसानी से रन बनते हैं। जडेजा टेस्ट में शानदार बल्लेबाज है लेकिन पिछले कुछ समय में सीमित ओवरों में तेजी से रन बनाने के मामले में जूझते दिखे है। यह हाल अश्विन का भी है।
मौका:
इस बात में कोई शक नहीं यह विश्व कप आईसीसी प्रतियोगिता होने के बाद भी टीमों को घरेलू परिस्थितियों का लाभ मिलता है। विश्व कप के दौरान पिच की जिम्मेदारी आईसीसी के क्यूरेटर की होती है लेकिन स्टेडियम में दर्शकों की मौजूदगी टीम के लिए 12वें खिलाड़ी का काम करती है। इन परिस्थितियों में कप्तान रोहित शर्मा के पास विश्व कप जीतने का सबसे अच्छा मौका होगा। कुछ स्थानों पर ओस से परेशानी हो सकती है। ऐसे में अगर लक्ष्य का पीछा करने की बात आती है तो इस मामले में भारतीय टीम सर्वश्रेष्ठ है। टीम में लक्ष्य का पीछा करने के दौरान सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाने वाले विराट कोहली है। एकदिवसीय में उनके नाम 47 शतक है और विश्व कप के दौरान वह महान सचिन तेंदुलकर (एकदिवसीय में 49 शतक) को पीछे छोड़ना चाहेंगे।
खतरा:
टीम के लिए अधिक विकल्प होना कई बार सिरदर्दी हो सकती है। मैदान और पिच के मुताबिक गेंदबाजी विभाग में बदलाव होते रहना लाजमी है लेकिन किशन की जगह अय्यर को अंतिम एकादश में शामिल करने का फैसला उतना आसान नहीं होगा। किशन को पिछले कुछ समय में जो भी भूमिका दी गयी है, उन्होंने उसे शानदार तरीके से पूरा किया है। टीम में लोकेश राहुल के आने के बाद उन्हें बाहर बैठना पड़ सकता है। राहुल पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करेंगे। बायें हाथ के बल्लेबाज किशन को बाहर रखने से विरोधी टीमों के गेंदबाजों को भी कुछ हद तक फायदा मिलेगा क्योंकि छठे क्रम तक दायें हाथ के बल्लेबाजों के कारण उन्हें अपनी लाइन लेंथ में ज्यादा बदलाव नहीं करना पड़ेगा। उम्मीद है कि भारतीय टीम अपने शीर्ष और मध्यक्रम के संयोजन को ठीक से बना पायेगी। टीम 2019 में सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही थी लेकिन इस दौरान चौथे क्रम की बल्लेबाजी की गुत्थी नहीं सुलझ सकी थी।
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