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30 की उम्र के बाद बालों का सफेद होना बढ़ता है 20%

उम्र बढ़ने के साथ बालों का सफेद होना आम बात है। एक स्टडी के मुताबिक, हर 10 साल बाद 30 साल की उम्र के बाद बालों का सफेद होना 10% से 20% तक बढ़ रहा है। बर्मिंघम में अलबामा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मेलिसा हैरिस का कहना है कि 60 की उम्र पार करने वाले 91% लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं।

अब सवाल ये उठता है कि बाल सफेद होते क्यों हैं? नेशनल लाइब्रेरी आॅफ मेडिसिन के मुताबिक, हमारे बालों, आंखों और स्किन में मेलेनिन नाम का पिगमेंट होता है, जो बालों का रंग निर्धारित करने में अहम रोल निभाता है। मेलेनिन दो तरह के होते हैं। पहला- यूमेलानिन जो काले, भूरे और सुनहरे बालों में पाया जाता है। दूसरा-फेमोलेनिन जो लाल बालों में पाया जाता है।

कोशिकाओं में मेलेनिन पिगमेंट न होना बाल सफेद होने की वजह
रिसर्चर्स के मुताबिक, जिन कोशिकाओं से ये मेलेनिन पिगमेंट बनता है वो हेयर फॉलिकल से चिपक जाती हैं। मेलेनिन पिगमेंट हेयर फॉलिकल के बेस में होता है। हेयर फॉलिकल त्वचा के सबसे ऊपरी दो लेयर में होते हैं। ये बालों की ग्रोथ में मदद करते हैं। मेलेनिन पिगमेंट मेलानोसाइट्स नाम की कोशिकाओं से बनता है, जो हर बाल के शाफ्ट में पिगमेंट को इंजेक्ट करते हैं। शाफ्ट बालों का दिखाई देने वाला वो हिस्सा है जो त्वचा से चिपक रहता है। उम्र बढ़ने के साथ मेलानोसाइट्स कोशिकाएं कम होने लगती हैं। इस वजह से मेलेनिन पिगमेंट कम बनता है और बाल ग्रे होने लगते हैं। वहीं, इन पिगमेंट का न होने बालों को सफेद कर देता है।

बाल सफेद होने के पीछे CDK प्रोटीन जिम्मेदार
तनाव (स्ट्रेस) का असर बालों और स्किन पर भी नजर आता है। न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर ने पहली बार इस बात को साबित किया था। रिसर्च के मुताबिक, एक खास प्रोटीन जिसे साइक्लिन-डिपेंडेंट किनेसेस (CDK) कहते हैं, सेल को डैमेज करने लगता है। यह प्रोटीन तनाव की हालत में तेजी से बनता है। ऐसे में तनाव होने से काले बाल सफेद हो जाते हैं।

रंग बदलने से बालों के 300 प्रोटीन बदलते हैं
रिसर्च में पाया गया है कि तनाव होने पर इंसान की कोशिकाओं के पावरहाउस कहे जाने वाले माइटोकॉन्ड्रिया में बदलाव हो जाता है। जिससे बालों में पाए जाने वाले कई प्रोटीन बदल जाते हैं और काले बालों का रंग सफेद हो जाता है। रिसर्चर्स के मुताबिक, जब बालों का रंग बदलता है तो करीब 300 तरह के प्रोटीन में भी बदलाव दिखता है।

महिलाओं के दोगुनी तेजी से होते हैं सफेद बाल
ब्रिटेन के मैनचेस्टर में एक रिसर्च हुई जिसमें पाया गया कि महिलाओं के बाल पुरुषों के मुकाबले दोगुनी तेजी से सफेद होते हैं। इस वजह से महिलाएं पुरुषों से 6 साल ज्यादा बुजुर्ग दिखने लगती हैं। महिलाओं में ग्रे बाल 34 साल की उम्र में होने शुरू होते हैं जबकि पुरुषों को 33 साल की उम्र में ऐसा होता है। अमेरिकन कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल ने एक स्टडी की जिसमें पाया गया कि अब 65% से ज्यादा महिलाएं अपने बालों के नेचुरल रंग यानी ग्रे कलर से खुश हैं।

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