भारत-पाक तनाव पर US उपराष्ट्रपति वेंस का बयान, बोले- इससे हमारा कोई वास्ता नहीं, युद्ध से दूर रहेगा अमेरिका – Utkal Mail

न्यूयॉर्क। भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने कहा है कि वह ऐसे युद्ध में शामिल नहीं होगा जिससे उसका ‘‘मूलत: कोई वास्ता नहीं है’’। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने बृहस्पतिवार को ‘फॉक्स न्यूज’ से साक्षात्कार में कहा कि भारत और पाकिस्तान को अमेरिका नियंत्रित नहीं कर सकता लेकिन वह परमाणु-शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों से तनाव कम करने की अपील कर सकता है।
यह पूछे जाने पर कि भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन कितना चिंतित है, वेंस ने कहा, ‘‘देखिए, हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं और कोई बड़ा संघर्ष न हो जाए।’’ वेंस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के हवाले से कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द ‘कम हो’।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हम इन देशों को नियंत्रित नहीं कर सकते। भारत को पाकिस्तान से कुछ शिकायतें हैं। पाकिस्तान ने भारत को जवाब दिया है। हम इन लोगों से अपील कर सकते हैं कि वे तनाव को कुछ कम करने की कोशिश करें लेकिन हम युद्ध के बीच में नहीं पड़ेंगे। इससे हमारा मूलत: कोई लेना देना नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता। हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते। इसलिए हम कूटनीतिक माध्यमों से इस मामले को आगे बढ़ाते रहेंगे। हम कामना करते हैं कि यह किसी व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या किसी परमाणु संघर्ष में न बदले, लेकिन हम इन चीजों को लेकर निश्चित रूप से चिंतित हैं।’
वेंस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां कूटनीति और शांत दिमाग से काम करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो कि यह परमाणु युद्ध न बन जाए। अगर ऐसा हुआ तो यह निश्चित रूप से विनाशकारी होगा। अभी हमें नहीं लगता कि ऐसा होने वाला है।’
बता दे कि वेंस, उनकी पत्नी उषा वेंस और उनके तीन बच्चे जब भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर थे तभी 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे। हमले के दो सप्ताह बाद भारत ने मंगलवार देर रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
भारत ने बृहस्पतिवार रात को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर एवं कुछ अन्य स्थानों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तान द्वारा मिसाइल एवं ड्रोन से हमला किए जाने के प्रयासों को विफल कर दिया। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष व्यापक होने की आशंका प्रबल हो गयी है।
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के प्रयासों को विफल किए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत ‘अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’ इससे पहले, बृहस्पतिवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बात की और तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश मंत्री जयशंकर के साथ अपनी बातचीत में रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत को लेकर अमेरिका का समर्थन जताया और संवाद में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों की अपील की। उन्होंने पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के प्रति फिर से संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
पाक पीएम शरीफ के साथ बातचीत में रुबियो ने पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के लिए हर प्रकार का समर्थन बंद करने को लेकर ठोस कदम उठाने का आह्वान दोहराया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि रुबियो ने जयशंकर और शरीफ के साथ अपनी बातचीत में तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री और अमेरिका की ओर से संदेश ‘‘यही है कि हिंसा बंद होनी चाहिए, सैन्य कार्रवाई, युद्ध नहीं होना चाहिए। ब्रूस ने कहा, ‘जब किसी समस्या को हल करने की बात आती है, तो इस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि युद्ध, सेना, अधिक हिंसा कोई समाधान नहीं है। पीढ़ियों से जारी हिंसा और समस्याओं को रोकने के लिए नए विचार, कूटनीति ही समाधान है।’
उनसे यह पूछे जाने पर कि क्या रुबियो ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है, इस पर ब्रूस ने कहा, ‘हम इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दे सकते। यह निश्चित रूप से हमारी नीति है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान से समाधान तलाशने की दिशा में काम करने का आग्रह करता रहता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों सरकारों के साथ कई स्तरों पर जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और वह इस दिशा में किए जाने वाले हर प्रयास का समर्थन करता है। ब्रूस ने संवाददाताओं से कहा कि रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष को और नहीं बढ़ाना चाहिए।
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