अयोध्या राम मंदिर से यूपी में बढ़ा पर्यटन, WTTC की रिपोर्ट में आया सामने, देशभर के पर्यटन में जबरदस्त उछाल – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार। वर्ल्ड ट्रेवल्स एंड टूरिज्म कौंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की रिपोर्ट में राम मंदिर के पक्ष में फैसला के बाद शुरू हुए भव्य एवं दिव्य मंदिर निर्माण के साथ देशभर के पर्यटन सेवाओं में जबरदस्त उछाल आया है। राष्ट्रीय पर्यटन आंकड़े बताते हैं कि 2019 में अगले पांच साल के लिए किए गए पूर्वानुमान के सभी मानक काफी पीछे रह गए। अब वर्ष 2030 के पूर्वानुमान में भी यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र में ज्यादा संभावनाएं जताई गई है, इसमें यूपी के धार्मिक पर्यटन सबसे आगे हैं।
वर्ल्ड ट्रेवल्स एंड टूरिज्म कौंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के सहयोग से हर पांच साल पर दुनिया भर के 184 देशों की अर्थव्यवस्थाओं और 28 भौगोलिक-आर्थिक क्षेत्रों के लिए यात्रा और पर्यटन के आर्थिक और रोजगार प्रभाव पर रिपोर्ट तैयार करता है। वर्ष 2030 तक के पूर्वानुमान खासा संभावनाओं वाले हैं। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, राधाकृष्ण की जन्मभूमि और कर्मस्थली ब्रजभूमि, तीरथराज प्रयाग, शिव की काशी, दुनिया को शांति और अहिंसा के संदेश से प्रकाशित करने वाले भगवान बुद्ध से जुड़े सभी प्रमुख स्थल कुशीनगर, सारनाथ, कपिलवस्तु की वजह से पर्यटन में यूपी की संभावनाएं ज्यादा हैं।
डब्ल्यूटीटीसी के अनुसार देश के लिए पर्यटन के लिहाज से साल 2025 रिकॉर्ड ब्रेकिंग हो सकता है। इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर का योगदान 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। रोजगार पाने वालों की संख्या 48 मिलियन से अधिक हो सकती है। संस्था की ओर से भारत देश के लिए साल 2030 के पूर्वानुमान के अनुसार पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलने वाला योगदान 42 लाख करोड़ और रोजगार बढ़कर 64 मिलियन हो जाएगा।
वर्ष 2025 के आंकड़े बना रहे नया लैंड मार्क
साल 2023 और 2024 के आंकड़े भी यही बताते हैं। आंकड़ों को मुताबिक 2023 में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.76 करोड़ थी जो 2024 में बढ़कर 16.44 करोड़ तक पहुंच गई। इसी दौरान काशी में यह वृद्धि 10.18 करोड़ से 11 करोड़, मथुरा में 7.79 करोड़ से 9 करोड़ हुई। प्रयागराज में 5.06 करोड़ की तुलना में 5.12 करोड़ पर्यटक आए। 2025 में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ, उलट प्रवाह के क्रम में यहां से अयोध्या, काशी, ब्रज क्षेत्र के तीर्थों और शक्तिपीठों पर जाने वाले श्रद्धालुओं की वजह से आंकड़े एक नया लैंड मार्क बनाएंगे। महाकुंभ में ही कुल 66.30 करोड़ पर्यटक, श्रद्धालु आए थे। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार सबसे आगे
कॉरिडोर, विकास परिषद एवं सर्किट बनाकर योगी सरकार प्रमुख तीर्थ स्थलों समेत टूरिज्म के लिहाज से महत्वपूर्ण अन्य स्थानों का भी विकास करा रही है। 4560 करोड़ रुपये की लागत से धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले 272 मार्गों का विकास करा रही है। कई जगह हेलीपोर्ट सेवा शुरू हो चुकी है। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद, श्री देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, श्री विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद, नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश श्री शुक्र तीर्थ विकास परिषद बनाकर नए कीर्तिमान बन रहे हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बने सर्किट
नियोजित विकास के लिए योगी सरकार ने अलग-अलग पर्यटन स्थलों के लिए सर्किट बनाएं हैं। इनमें रामायण, महाभारत बौद्ध, शक्तिपीठ, जैन, आध्यात्मिक, कृष्ण ब्रज, सूफी कबीर धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा हाल के वर्षों में लोगों की पसंद बने एडवेंचर, इको टूरिज्म के लिए बुंदेलखंड एवं वाइल्ड लाइफ इको टूरिज्म सर्किट भी हैं। प्रदेश की बेहद संपन्न परंपरा को टूरिज्म के जरिये बढ़ावा देने के लिए शिल्प सर्किट भी है। प्रमुख मेलों का आकर्षण बढ़ाने के लिए उनका प्रांतीयकरण किया गया है।
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