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लखनऊ : जेपी सिंह की बेटी बनकर रह रही थी उज्बेकिस्तान की लोला – Utkal Mail

लखनऊ अमृत विचार: मिनर्वा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. विवेक गुप्ता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उज्बेकिस्तान की लोला कायूमोवा की प्लास्टिक सर्जरी करने के साथ भारतीय पहचान दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में उनकी भूमिका की जांच पुलिस ने शुरू कर दिया है। पुलिस की जांच में सामने आया कि लोला ने ड्राइविंग लाइसेंस पर पिता के नाम वाले खाने में जनक प्रताप सिंह (जेपी सिंह) का नाम दर्ज किया है। इसी नाम से उसने आधार कार्ड भी बनवाया। जारी करने के लिए पता वाले स्थान पर बी-104 ओमैक्स आर-1, ऑर्चिड-बी लिखा हुआ है। पुलिस टीम व एलआईयू जानकारी जुटाने में लगी है कि जेपी सिंह कौन है? उसका लोला से क्या रिश्ता है? उसने अपने नाम का प्रयोग करने की अनुमति किस आधार पर दी? लोला के गिरोह में जेपी सिंह की क्या भूमिका है?

डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव के पास डीसीपी एलआईयू का अतिरिक्त प्रभार हैं। डीसीपी आशीष के मुताबिक एलआईयू टीम को इस बारे में पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं कि आखिर गिरोह की सरगना लोला कायूमोवा का आधार कार्ड कैसे बन गया। आधार कार्ड के जरिए ड्राविंग लाइसेंस बनने की प्रक्रिया भी बिना किसी रोकटोक पूरी हुई। पुलिस के मुताबिक गैंग लीडर लोला कायूमोवा ने परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट भी दिया होगा। उस समय उसके हुलिए को देखकर शक किया जाना चाहिए था कि आखिर गिरोह की सरगना लोला कायूमोवा मूल रूप से रहने वाली कहां की हैं।

12 दिन पहले जारी हुआ स्थायी लाइसेंस

पुलिस की जांच में सामने आया कि लोला कायूमोवा का स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस 12 दिन पूर्व 11 जून 2025 को जारी किया गया था। इसका नंबर UP 32 20250015761 है। इसकी वैधता 10 जून 2035 तक हैं। एलआईयू और पुलिस टीम इसकी जांच कर रही है कि कहीं अवैध रूप से रह रहीं अन्य उज्बेकिस्तान की युवतियों के तो आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य सरकारी दस्तावेज तो तैयार नहीं करा लिए गए हैं। अगर तैयार कराये गये हैं तो इस गिरोह को भारतीय प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में कौन से लोग मदद कर रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की एक टीम आरटीओ भेजी जाएगी। जो ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की पूरी प्रक्रिया की जांच करेगी।

बंद मिले अन्य आरोपियों मोबाइल

पुलिस टीम लगातार इस मामले गिरोह की सरगना लोला,उसके लिव इन पार्टनर त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा व अन्य लोगों पर नजर बनाए हुए हैं। आरोपितों के मोबाइल नंबर ट्रैक किए जा रहे हैं। हालांकि आरोपितों ने मोबाइल स्विच ऑफ कर रखे हैं। वहीं न्यू हजरतगंज में अवैध रूप से रह रहीं उज्बेकिस्तान की महिलाओं होलिडा और नीलोफर को डिपार्ट करने की प्रक्रिया भी की जा रही है। दोनों से ही कई चरणों में सुरक्षा एजंसियां पूछताछ कर चुकी है। उज्बेकिस्तान से आई युवतियां कहां-कहां मौजूद हैं,इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा उज्बेकिस्तान की युवतियों को किन स्पा सेंटर्स में सप्लाई किया गया,इसके बारे में भी पता किया जा रही है।

मिनर्वा के कर्मचारी पुलिस की निगरानी में

उज्बेकिस्तान की महिलाओं होलिडा और नीलोफर की प्लास्टिक सर्जरी कर चेहरा बदलने वाले पत्रकारपुरम निवासी व मिनर्वा के संचालक डॉ. विवेक गुप्ता के कर्मचारियों पर पुलिस लगातार निगरानी में बने हैं। कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों को भी पुलिस ट्रैक कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर के कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर डॉक्टर ने कितने विदेशी लोगों की प्लास्टिक सर्जरी कर चेहरा बदला है। खास कर उज्बेकिस्तान व भारत से सटे अन्य देशों के कितने लोगों की प्लास्टिक सर्जरी की गई है।

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