Gurmeet Ram Rahim: गुरमीत राम रहीम को मिली 40 दिन की पैरोल, 15 अगस्त को मनाएंगे Birthday – Utkal Mail

चंडीगढ़। अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के मामले में 20 साल कारावास की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 40 दिन की पैरोल मिलने के बाद हरियाणा में रोहतक स्थित सुनारिया जेल से मंगलवार को बाहर आ गया।
डेरे के प्रवक्ता और वकील जितेंद्र खुराना ने बताया कि गुरमीत सिंह पैरोल के दौरान सिरसा स्थित अपने डेरा मुख्यालय में रहेगा। सिंह ने सिरसा पहुंचने के बाद एक वीडियो संदेश में अपने अनुयायियों से डेरे में न आने और डेरे के वरिष्ठ लोगों के निर्देशों का पालन करने की अपील की।
गुरमीत सिंह 15 अगस्त को 58 साल का हो जाएगा। उसे 2017 में अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में दोषी ठहराया गया था। जब सिंह अपनी पैरोल की अवधि खत्म होने पर जेल वापस जाएगा तब तक वह इस साल तीन महीने जेल के बाहर रह चुका होगा।
इससे पहले सिंह को अप्रैल में 21 दिन की ‘फरलो’ मिली थी। दिल्ली में पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव से पहले उसे जनवरी में 30 दिन की पैरोल दी गई थी। उसे पिछले साल पांच अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले एक अक्टूबर को भी 20 दिन की पैरोल दी गई थी।
पिछले साल अगस्त में सिंह 21 दिन के लिए जेल से बाहर आया था। उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से बमुश्किल दो हफ्ते पहले सात फरवरी, 2022 से तीन हफ्ते की फरलो दी गई थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति जैसे सिख संगठनों ने कई बार सिंह को जेल पैरोल दिए जाने की आलोचना की है।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सरकार डेरा प्रमुख को पैरोल और फरलो पर रिहा कर रही है जबकि ‘बंदी सिंह’ (सिख कैदी) अभी भी जेलों में बंद हैं। सिख संगठनों के अनुसार, ‘बंदी सिंह’ वे सिख कैदी हैं जो अपनी सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं।
डेरा प्रवक्ता खुराना ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा कानून के दायरे में सिंह को पैरोल या फरलो दी गई है। खुराना ने कहा, “यहां तक कि ये पैरोल भी इसी दायरे में दी गई है। पहले भी इन्हीं मानकों के तहत पैरोल दी गई और कोई विशेष पैरोल नहीं दी गई है।” सिंह को मंगलवार को दी गई पैरोल से पहले वह 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से 13 बार जेल से बाहर आ चुका है। वह जब भी जेल से बाहर आया है तो वह उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा स्थित डेरे के आश्रम में रहा है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 2002 में डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा प्रमुख तथा चार अन्य आरोपियों को ‘‘ढुलमुल’’ जांच का हवाला देते हुए पिछले वर्ष मई में बरी कर दिया था। इससे पहले, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने करीब 20 साल पुराने हत्याकांड में सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
उसे सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों की अच्छी खासी तादाद है। हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल और हिसार समेत कई जिलों में डेरे के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। इसका मुख्यालय भी सिरसा में है।