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कांग्रेस ने की पहले परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ पर इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व की सराहना – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारत के पहले परमाणु परीक्षण की 51वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी उल्लेखनीय साहस दिखाया। इस दिन 1974 में भारत ने पोकरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था, जिसका नाम ‘ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा’ था। इसके साथ ही भारत परमाणु क्षमता वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो गया था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 51 साल पहले भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था और वह इस तरह के परीक्षण करने वाला दुनिया का छठा देश बन गया था। खरगे ने ‘एक्स’ पर लिखा, “हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने अपनी प्रतिभा व समर्पण के माध्यम से यह असाधारण उपलब्धि हासिल की। हम उनके प्रति बहुत आभारी हैं।”

उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने विपरीत परिस्थितियों में भी असाधारण साहस दिखाते हुए अनुकरणीय व गतिशील नेतृत्व का परिचय दिया। यह एक ऐसी विरासत है जो हमेशा बनी रहेगी। जय हिंद।” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि इंदिरा गांधी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व में भारत ने 51 साल पहले राजस्थान के पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण ‘ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा’ किया था।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा, “मैं उन प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिनके समर्पण से यह संभव हो सका।” गांधी ने कहा, “उनकी विरासत आज भी कायम है, जो पीढ़ियों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति करने और भारत की सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रेरित करती है।”

कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि 18 मई 1974 भारत के लिए गौरव का दिन था, क्योंकि देश ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ‘स्माइलिंग बुद्धा’ के जरिए अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया था। पार्टी ने कहा, “यह परीक्षण देश की वैज्ञानिक क्षमता और मजबूत राजनीतिक नेतृत्व का प्रतीक बन गया।” 


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