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मानव रहित विमान, ड्रोन, राडार, बमों का परीक्षण कर रही है सेना  – Utkal Mail

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना अगली पीढ़ी की कई रक्षा प्रौद्योगिकियों का कई परीक्षण क्षेत्रों में करीब-करीब युद्ध जैसी परिस्थितियों में परीक्षण कर रही है। राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज, मध्य प्रदेश के बबीना फील्ड फायरिंग रेंज और उत्तराखंड में जोशीमठ सहित देश में विभिन्न परीक्षण स्थानों पर मानवरहित हवाई प्रणालियों, ड्रोन, आड़े-तिरछे उड़ान पथ से प्रहार करने वाले बम, कम ऊँचाई वाले वायु क्षेत्र पर निगरानी रखने वाले आधुनिक राडार आदि के परीक्षण किए जा रहे हैं। 

रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि सेना व्यापक प्रतिरक्षा क्षमताओं के विकास और परीक्षण कर रही है। इनमें बड़ी संख्या में रक्षा निर्माण इकाइयां भी भाग ले रही हैं। आगरा और गोपालपुर में विशेष वायु रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन अभियानों में करीब-करीब वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के प्रदर्शन का बारीकी से आकलन किया जा रहा है। इन परीक्षणों में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक सिमुलेशन को समन्वित कर नई विकसित प्रौद्योगिकियों की क्षमता का आकलन किया जा रहा है। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने मंगलवार को बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में चल रहे परीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की और सभी हितधारकों के साथ बातचीत की। 

मंत्रालय ने कहा है कि ये परीक्षण भारतीय सेना के “परिवर्तन के दशक” की वृहद योजना में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और इनका उद्देश्य उभरती युद्धक परिस्थितियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का तेजी से समावेशन सुनिश्चित करना है।

विज्ञप्ति के अनुसार इन परीक्षणों में अगली पीढ़ी की मानवरहित हवाई प्रणालियां (यूएएस), यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (यूएलपीजीएम), रनवे इंडिपेंडेंट (आरडब्ल्यूआई), रिमोटली पायलटेड एरियल सिस्टम (आरपीएएस), यूएएस मारक समाधान, यूएवी बम, सीधे ऊंचाई प्राप्त करने वाले स्पेशलाइज्ड वर्टिकल लॉन्च (एसवीएल) ड्रोन, सटीक बहुयुद्धक सामग्री वितरण प्रणालियां, एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडीआईएस), निम्न ऊंचाई पर वायु क्षेत्र की निगरानी के लिए हल्के वजन वाले रडार, वीएसएचओआरएडीएस (अगली पीढ़ी के) आईआर सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

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