वर्षा जल संचय को प्राकृतिक आपदा से निपटने की योजना में शामिल करें: दिल्ली उच्च न्यायालय – Utkal Mail
नई दिल्ली। हाल के दिनों में ‘अभूतपूर्व मौसम’ और मूसलाधार बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में आयी बाढ़ की पृष्ठभूमि में दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रशासन से कहा कि वह वर्षा जल संचय के नये तरीके खोजे और वर्षा जल संचय को जलवायु संबंधी आपदाओं से निपटने की योजना में शामिल करे।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चन्द्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वर्षा कम हो या ज्यादा, किसी भी परिस्थिति में वर्षा जल के उपयोग को अधिकतम बनाने में वर्षा जल संचय प्रणाली की क्षमता का दोहन करना और सीवर, नालों तथा जल भंडारण प्रणाली को सही करना एक चुनौती है। अदालत ने कहा कि हाल में आयी बाढ़ ने उजागर कर दिया है कि बेहद खराब मौसमी गतिविधियों से निपटने के लिए तैयार रहने और सक्रिय रूप से पूर्वानुमान लगाने की जरूरत है।
अदालत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बहुत ज्यादा बदलाव हो रहा है। अदालत ने कहा, वर्षा जल संचय को शहरी योजना में शामिल करना आधुनिक शहरीकरण से उत्पन्न चुनातियों और पानी की कमी से निपटने का दीर्घकालिक उपाय है। अदालत ने यह आदेश आरके कपूर द्वारा 2014 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया।
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