भारत ने शांति स्थापना में सुधार पहल का लगातार समर्थन किया, उस पर भरोसा है : संरा शांतिरक्षा प्रमुख – Utkal Mail
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि सेना और पुलिस योगदान देने वाले अग्रणी देशों में से एक, भारत ने शांति स्थापना अभियानों में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र की पहल का लगातार समर्थन किया है और विश्व निकाय नई दिल्ली को शांति स्थापना में एक प्रमुख भागीदार मानता है।
शांति अभियानों के अवर महासचिव ज्यां-पियरे लैक्रोइक्स ने यहां 2023 संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले एक विशेष साक्षात्कार में भारत के साथ सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में प्रौद्योगिकी, शांति मिशन में महिलाओं की संख्या और भूमिका में वृद्धि और ‘ब्लू हेलमेट’ के खिलाफ अपराध के लिए जवाबदेही पर प्रकाश डाला। “ब्लू हेलमेट” संयुक्त राष्ट्र के सैन्यकर्मी हैं जो “स्थिरता, सुरक्षा और शांति प्रक्रियाओं” को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राष्ट्र पुलिस और नागरिक सहयोगियों के साथ कार्य करते हैं।
मंत्रिस्तरीय बैठक 5-6 दिसंबर को अकरा, घाना में होने वाली है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के प्रति अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए 85 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा। लैक्रोइक्स ने कहा, ‘‘हम भारत पर बहुत भरोसा करते हैं। भारत शांति स्थापना के प्रमुख साझेदारों में से एक है। यह अग्रणी सैन्य और पुलिस योगदान देने वाले देशों में से एक है। इसके अलावा यह एक ऐसा देश भी है जिसने शांति स्थापना में सुधार के लिए सभी पहलों का लगातार समर्थन किया है।’’
लैक्रोइक्स ने कहा कि भारत के पास कई क्षमताएं हैं जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के साथ सहयोग के लिए अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी एक प्रमुख क्षेत्र है जहां हमें निश्चित रूप से भारत के साथ सहयोग करके अधिक से अधिक काम करना है। हम शांति स्थापना में महिलाओं की संख्या और भूमिका बढ़ाने के मामले में भी भारत से मदद की उम्मीद करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र में नयी दिल्ली की भूमिका और सहयोग ‘‘बहुत महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही पर अधिक काम करने के महत्व का भी उल्लेख करना चाहूंगा, जो एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत वास्तव में अग्रणी रहा है और हम इसके लिए बहुत आभारी हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘एक्शन फॉर पीसकीपिंग और ए4पी प्लस’ (एक्शन फॉर पीसकीपिंग प्लस) कार्यान्वयन योजना के तहत जारी सुधार के अनुरूप वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों और जरूरतों को पूरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रयासों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक समर्थन और ठोस प्रतिबद्धताओं को सुरक्षित करने का प्रयास करती है।
संयुक्त राष्ट्र और घाना गणराज्य द्वारा सह-आयोजित यह प्रमुख कार्यक्रम इस तरह की पांचवीं मंत्रिस्तरीय बैठक और अफ्रीकी महाद्वीप पर आयोजित होने वाली पहली बैठक है। यह आयोजन स्थायी शांति को आगे बढ़ाने, नागरिकों की सुरक्षा, रणनीतिक संचार और शांति सैनिकों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान सदस्य राज्य और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के पर्यावरण प्रबंधन में सुधार करने और अधिक विविध और समावेशी संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिक महिला शांति सैनिकों को तैनात करने के लिए मिलकर काम करेंगे। वर्ष 1948 के बाद से 158 देशों के 20 लाख से अधिक शांति रक्षकों ने 71 अभियानों में सेवा दी है। आज 120 से अधिक देशों की लगभग 80,000 महिलाएं और पुरुष अफ्रीका, एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया में शांति मिशन में तैनात हैं।
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में सैनिक भेजने वाले सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है, जिसके 6,000 से अधिक सैन्य और पुलिसकर्मी अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, मध्य पूर्व और पश्चिमी सहारा में तैनात हैं। लगभग 177 भारतीय शांति रक्षक इन अभियानों के दौरान शहीद हुए है, जो किसी भी सैन्य योगदान देने वाले देश से सबसे अधिक संख्या है।
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