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डोनाल्ड ट्रंप के तीसरी बार रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने को लेकर कभी संशय नहीं रहा – Utkal Mail

सिडनी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक अंत पर लेख कई बार लिखे जा चुके हैं लेकिन देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया के तहत हाल में संपन्न विभिन्न ‘सुपर ट्यूजडे प्राइमरी’ में पूर्व राष्ट्रपति के प्रभावशाली प्रदर्शन ने एक बार फिर उन लोगों का मुंह बंद कर दिया है जो मान रहे थे कि उनका राजनीतिक कॅरियर समाप्त हो गया है। भले ही इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन ‘सुपर ट्यूजडे’ में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद उनका पार्टी उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है। 

‘सुपर ट्यूजडे’ अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी चुनाव प्रक्रिया का वह दिन होता है, जब सबसे अधिक राज्यों में प्राइमरी और कॉकस चुनाव होते हैं। रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए ट्रंप के सामने निक्की हेली की चुनौती थी। अमेरिका में भारतीय मूल की पूर्व गवर्नर हेली ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपना प्रचार अभियान बुधवार को रोक दिया।

 उन्होंने यह निर्णय ‘सुपर ट्यूजडे’ पर 15 राज्यों की पार्टी प्राइमरी में हार के बाद लिया है। हेली के इस फैसले के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में एकमात्र प्रमुख उम्मीदवार रह गए। ट्रंप जब 2015 में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए पहली बार मैदान में उतरे थे, तब से कई बार ऐसे मौके आए जब ऐसा लगा कि पूर्व राष्ट्रपति का राजनीतिक कॅरियर समाप्त हो सकता है। 

इनमें 2016 में ‘एक्सेस हॉलीवुड टेप’ जारी होने की घटना शामिल है जिसमें वह महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बारे में डींगें मारते दिखाई दिए। उन्होंने युद्ध नायक जॉन मैक्केन और मारे गए अमेरिकी सैनिकों एवं दिव्यांग पूर्व सैनिकों के परिवारों को लेकर 2015 में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उन्होंने 2017 में ‘यूनाइट द राइट’ रैली के बाद कहा था कि श्वेतों को सर्वोपरि मानने वालों के एक समूह में ‘‘बहुत अच्छे लोग’’ थे। सत्ता के दुरुपयोग और संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 2019 में उनके खिलाफ पहली बार महाभियोग चलाया गया।

राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के कार्यकाल में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के उनके तरीके की आलोचना की गई। उनके कार्यकाल में इस महामारी के कारण चार लाख से अधिक अमेरिकियों की मौत हुई। इसके बाद 2020 में डोमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन से मिली हार के बाद छह जनवरी, 2021 को अमेरिकी संसद भवन ‘कैपिटल हिल्स’ में हुए दंगों को लेकर उनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग चलाया गया। इन सभी मौकों पर, खासकर छह जनवरी, 2021 को हुए दंगों के बाद कई पर्यवेक्षकों को लगा था कि ट्रंप का राजनीतिक जीवन समाप्त हो गया है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रंप रिपब्लिकन उम्मीदवारी फिर से क्यों जीत रहे हैं फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डेसैंटिस, साउथ कैरोलाइना से सीनेटर टिम स्कॉट और हेली में से कोई भी ट्रंप के आगे नहीं टिक सका। 

‘सुपर ट्यूजडे’ में हेली के खराब प्रदर्शन ने ट्रंप के उम्मीदवार बनने की संभावना को और पुख्ता कर दिया। ट्रंप के विचारों में मुख्य रूप से कोई बदलाव नहीं आया राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए तीन प्रचार अभियानों के दौरान ट्रंप की स्थितियों में चाहे जो भी बदलाव आया हो, लेकिन ट्रंप में खास अंतर नहीं आया। राष्ट्रपति पद पर नहीं होने के बावजूद उनमें कोई बदलाव प्रतीत नहीं होता और न ही उन्हें लेकर लोगों के विचारों में परिवर्तन नजर आता है। 

ट्रंप के विरोधियों को लगा था कि परंपरागत रूप से नेताओं का राजनीतिक कॅरियर समाप्त कर देने वाले घोटाले ट्रंप को भी बर्बाद कर देंगे लेकिन इसके विपरीत इन घोटालों ने कई मायनों में ट्रंप के आधार को बढ़ाया है। आधुनिक अमेरिकी इतिहास में ट्रंप अन्य नेताओं से भिन्न हैं। ट्रंप के समर्थक उनके प्रति पूरी तरह से वफादार बने हुए हैं। दूसरी ओर डोमेक्रेटिक उम्मीदवार बनने के दावेदार जो बाइडन के प्रचार अभियान दल को उम्मीद है कि ध्रुवीकरण करने वाले पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कारण ‘नेवर ट्रंप’ गठबंधन और अधिक सक्रिय हो जाएगा। 

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