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पहलगाम हमले के बाद सैन्य कमांडर को हटाने की खबर फर्जी : PIB फैक्ट चेक – Utkal Mail

नई दिल्ली, अमृत विचार। सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने बुधवार को कई पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया अकांउट द्वारा किए गए उन दावों का खंडन किया जिनमें कहा गया था कि भारतीय सेना के उत्तरी कमान के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है, पीआईबी ने स्पष्ट किया कि लेफ्टिनेंट जनरल कुमार 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ एक पोस्ट में कहा, ‘‘इन पोस्ट में किए जा रहे दावे फर्जी हैं।’’ इसने साथ ही, कई ऐसे अकाउंट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया जिसमें झूठा दावा किया गया है। 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच सोशल मीडिया पर कई भ्रामक पोस्ट किए गए हैं। आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने फरवरी 2024 में भारतीय सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) के रूप में पदभार ग्रहण किया था। माइक्रोब्लॉगिंग मंच पर लिखा गया, ‘‘कई पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट झूठा दावा कर रहे हैं कि पहलगाम की घटना के बाद उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है।पीआईबी फैक्ट चेक की जांच के मुताबिक इन पोस्ट में किए जा रहे दावे फर्जी हैं।’’

लेफ्टिनेंट जनरल कुमार 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को उत्तरी कमान का नया कमांडर नियुक्त किया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार इससे पहले उप सेना प्रमुख के पद पर कार्यरत थे। पीआईबी ने सोमवार को बताया था कि कुछ पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट गलत दावा कर रहे हैं कि भारतीय सेना की तैयारियों से संबंधित ‘गोपनीय दस्तावेज’ लीक हो गए हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में पीआईबी फैक्ट चेक ने इन दस्तावेजों को ‘‘फर्जी’’ करार दिया। 

पीआईबी फैक्ट चेक तसदीक करता है कि ये दस्तावेज फर्जी हैं। कृपया असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।’ रक्षा मंत्रालय ने रविवार को आगाह किया कि व्हाट्सऐप पर एक ‘भ्रामक’ संदेश चल रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिए दान मांगने के लिए एक बैंक खाता खोला है। मंत्रालय ने इस संदेश का खंडन किया और लोगों से ‘‘सतर्क रहने तथा ऐसे धोखाधड़ी वाले संदेशों का शिकार न होने’’ का आग्रह किया।

 

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