UP Politics: अखिलेश यादव के जन्मदिन पर शुरू हुई सिंबल पॉलिटिक्स! एक तस्वीर ने शुरू की नई राजनीति – Utkal Mail

लखनऊ/ तमिलनाडु। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर देशभर के कई बड़े नेता और समर्थक उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। इसी कड़ी में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी सपा प्रमुख को जन्मदिन की बधाई दी। अपने संदेश में उन्होंने मुलायम सिंह यादव का उल्लेख करते हुए अखिलेश को सामाजिक न्याय की लड़ाई को और मजबूत करने का आह्वान किया।
स्टालिन ने अपने बधाई संदेश में प्रतीकात्मक राजनीति पर जोर दिया। उन्होंने अखिलेश के जन्मदिन पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें पीछे की ओर पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का पोस्टर नजर आ रहा है।
एमके स्टालिन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश को बधाई देते हुए लिखा, “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप प्रगतिशील विचारधारा के साथ वीपी सिंह की धरती पर सामाजिक न्याय की मशाल को आगे बढ़ाए और तेज करें। इसके साथ ही अपने पिता मुलायम सिंह की गौरवमयी विरासत को आगे बढ़ाए और रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ और दृढ़ता से खड़े हों।”
वीपी सिंह के फैसले ने बदली थी सियासी तस्वीर
गौरतलब है कि वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया था, जिसके तहत ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला। इस फैसले ने न केवल आरक्षण का लाभ दिया, बल्कि कई राज्यों में राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल दिया।
लगभग 35 साल बाद अब देश में जनगणना के साथ-साथ जातीय गणना भी होने जा रही है। समाजवादी पार्टी का दावा है कि विपक्ष के दबाव के कारण केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने यह फैसला लिया। अखिलेश यादव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले से ही जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।
सामाजिक न्याय की मांग करने वाले राजनीतिक दल जातीय जनगणना को मंडल कमीशन के फैसले का अगला कदम मानते हैं। ऐसे में स्टालिन द्वारा साझा की गई तस्वीर, जिसमें वीपी सिंह की मौजूदगी है, को प्रतीकात्मक राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन के प्रमुख सहयोगी हैं और अखिलेश यादव के साथ उनके घनिष्ठ संबंध हैं। दोनों नेताओं को कई मौकों पर एक मंच पर देखा गया है।
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