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सजा-ए-मौत से बच पायेगी निमिषा प्रिया: भारतीय सुन्नी नेता के हस्तक्षेप से जागी उम्मीद, फांसी टालने के प्रयास तेज  – Utkal Mail

केरल। यमन में एक भारतीय नर्स को 16 जुलाई को होने वाली फांसी रुकवाने के लिए वहां के एक सूफी विद्वान के नेतृत्व में अंतिम प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रयास सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार के कहने पर किए जा रहे हैं। यहां पुष्ट सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख विद्वान और सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों और यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के परिवार के बीच मंगलवार को धमार में एक बैठक होने की उम्मीद है। 

निमिषा के लिए एक आखिरी कोशिश 

महदी की कथित तौर पर भारतीय नर्स निमिषा प्रिया ने 2017 में हत्या कर दी थी। घटनाक्रम 94 वर्षीय मुसलियार द्वारा यमन में धार्मिक अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद हुआ है। मुसलियार को आधिकारिक तौर पर शेख अबूबकर अहमद के नाम से जाना जाता है और उन्हें भारत के ‘ग्रैंड मुफ्ती’ की उपाधि प्राप्त है। मृतक के परिवार के साथ बैठक मंगलवार को यमन के स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे होगी। मुसलियार के कार्यालय ने कहा कि मृतक तलाल के एक करीबी रिश्तेदार, शेख हबीब उमर की सलाह के बाद आज की बैठक में भाग लेने के लिए तलाल के गृहनगर धमार पहुंच गए हैं। 

तलाल का यह रिश्तेदार हुदैदा स्टेट कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और यमन की शूरा काउंसिल का सदस्य भी है। उसने बताया, ‘‘बात यह है वह शेख हबीब उमर के सूफी संप्रदाय का अनुयायी है और एक अन्य प्रमुख सूफी नेता का पुत्र है, जो बड़ी उम्मीद जगाता है। परिवार को मनाने के साथ-साथ उनके अटॉर्नी जनरल से मिलने और कल होने वाली फांसी को टालने के लिए तत्काल प्रयास शुरू करने की भी उम्मीद है।’ एक सूत्र ने कहा, ‘हम सूफी आध्यात्मिक नेता के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए परिवार की सहमति को निर्धारित फांसी को फिलहाल रोकने के हमारे प्रयासों की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मानते हैं।’ 

धमार क्षेत्र के लिए एक भावनात्मक मुद्दा 

तलाल की हत्या न केवल परिवार के लिए, बल्कि धमार क्षेत्र के कबाइलियों और निवासियों के लिए भी एक भावनात्मक मुद्दा है। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि अब तक कोई भी परिवार से संपर्क नहीं कर पाया था। उन्होंने कहा, ‘मुसलियार के हस्तक्षेप से ही पहली बार परिवार से संपर्क संभव हो पाया।’ शेख हबीब उमर बिन हाफ़िज़ की सलाह पर परिवार बातचीत के लिए राज़ी हो गया। 

फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध

आज की चर्चा मुआवज़ा स्वीकार करने के संबंध में अंतिम निर्णय पर पहुंचने पर केंद्रित है। परिवार को मनाने के प्रयासों के बीच, कंथापुरम मुसलियार ने यमनी अधिकारियों से 16 जुलाई को होने वाली फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने का भी अनुरोध किया है, जिस पर यमनी प्रशासन आज विचार कर सकता है।’’ केरल में पलक्कड़ जिले की नर्स निमिषा प्रिया को अपने यमनी व्यापारिक साझेदार महदी की हत्या के जुर्म में 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। उसे 2020 में फांसी की सजा सुनायी गयी और 2023 में उसकी अंतिम अपील ख़ारिज कर दी गयी। 

यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद  

केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन यमन की स्थिति को देखते हुए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा था कि सरकार अपने नागरिकों को बचाना चाहती है और इस मामले में हरसंभव प्रयास कर रही है। वेंकटरमणी ने कहा, ‘‘भारत सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है और उसने कुछ शेखों से भी संपर्क किया है, जो वहां बहुत प्रभावशाली लोग हैं।’

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