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दिल्ली में 5000 से अधिक पुलिसकर्मी करेंगे कावड़ियों की सुरक्षा, प्रमुख मार्गो पर ड्रोन से की जाएगी निगरानी  – Utkal Mail

दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कावड़ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए 5,000 से अधिक दिल्ली पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों की लगभग 50 कंपनियों (5000 से अधिक कर्मियों) को तैनात किया गया है तथा ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, जिन प्रमुख रास्तों से कांवड़ियों के गुजरने की संभावना है, उन पर पर अतिरिक्त जांच शुरू की गयी है तथा जरूरत के हिसाब से मार्गों में परिवर्तन किया गया है। 

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘तीर्थयात्रा 22 जुलाई तक जारी रहेगी और शिवरात्रि पर समाप्त होगी। हम अर्धसैनिक बलों और होमगार्ड के साथ समन्वय में हैं, जो सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन गश्त के माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करेंगे।’ उन्होंने कहा कि निर्धारित कांवड़ शिविरों और मंदिर क्षेत्रों के लिए भी विशेष सुरक्षा उपायों की योजना बनाई गई है, जहां तीर्थयात्री क्रमश: विश्राम करेंगे और अनुष्ठान करेंगे। 

अधिकारी के अनुसार, शहर भर में शिविर लगाने के लिए 774 स्थानों की पहचान की गई है और 374 कांवड़ शिविरों को पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि 150 से ज़्यादा अतिरिक्त शिविर अंतिम मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘मुख्य ध्यान कानून-व्यवस्था बनाए रखने, यातायात को सुचारू रूप से चलाने और तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करने पर रहेगा। पीसीआर वैन, त्वरित कार्रवाई दल (क्यूआरटी) और एम्बुलेंस को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।’’ 

पुलिस का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-1, एनएच-9 जैसे प्रमुख मार्गों और बाहरी, उत्तर-पूर्व, पूर्वी और शाहदरा जिलों से गुजरने वाली प्रमुख सड़कों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पैदल और वाहनों में कांवड़ (गंगा जल से सजे बर्तन) लेकर आने वाले तीर्थयात्रियों को निर्धारित स्थानों से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। 

अधिकारी ने कहा, ‘कांवड़ियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, दिल्ली पुलिस ने उनके प्रवेश मार्गों की एक सूची जारी की है, जिसमें गाजीपुर बॉर्डर, आनंद विहार, भोपुरा, अप्सरा, महाराजपुर, लोनी बॉर्डर और आईएसबीटी कश्मीरी गेट शामिल हैं। वजीराबाद से भोपुरा, जीटी रोड और लोनी रोड जैसी विशिष्ट सड़कें भी प्रमुख कांवड़ मार्गों के रूप में काम करेंगी।’ 

प्रशासन ने नागरिकों से कांवड़ियों के आवागमन के लिए निर्धारित मार्गों से बचने की भी अपील की है। आपातकालीन सेवाओं और आवश्यक वाहनों को सुगमता प्रदान की जाएगी और विशेष हेल्पलाइन शुरू की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी 15 जिलों के पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को मौके पर मौजूद रहने और नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, विशेष रूप से आपात स्थिति से निपटने और भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए। 

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