Bengaluru Tech Summit 2025 : सेमीकंडक्टर निर्माण में कर्नाटक की बड़ी छलांग, 'मेड इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' को मिलेगी गति – Utkal Mail

बेंगलुरु। कर्नाटक ने सेमीकंडक्टर डिज़ाइन करने में वैश्विक महारथ हासिल की है। राज्य सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में 70 प्रतिशत योगदान देने वाला तथा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में अपनी वैश्विक अग्रणी स्थिति स्थापित कर चुका है। यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि बड़े पैमाने पर विनिर्माण परियोजनाएं गुजरात जैसे अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो रही हैं।
बेंगलुरु टेक समिट (बीटीएस) 2025 से पहले मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक सूचना प्रौद्योगिकी ( आईटी)/बीटी प्रधान सचिव डॉ. एकरूप कौर ने कहा, “विनिर्माण सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला का केवल एक हिस्सा है। डिज़ाइन एक बहुत बड़ा घटक है और हम इसमें वैश्विक स्तर पर अग्रणी हैं। कर्नाटक अग्रणी बना हुआ है। यह सम्मेलन 18 से 20 नवंबर तक बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (बीआईईसी) में आयोजित किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य बेहतर बुनियादी ढाँचे के साथ शिखर सम्मेलन का विस्तार करना है।
इस वर्ष के आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण 20,000 से अधिक स्टार्टअप संस्थापकों की भागीदारी होगी और राज्य सरकार भागीदारी के पैमाने को मान्यता देने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “देश में और शायद दुनिया में कहीं भी ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसीलिए गिनीज़ टीम इसमें शामिल है।”
श्रीमती कौर ने शहर की बुनियादी ढांचागत चुनौतियों को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि ऐसे मामले शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आते हैं। उन्होंने कहा, ‘बीटीएस में हमारा ध्यान अलग है और यह एक विचार नेतृत्व मंच है, न कि कोई बुनियादी ढांचा समीक्षा बैठक।’ उन्होंने कहा, ‘हमने बीटीएस को कभी भी एक निवेश कार्यक्रम के रूप में पेश नहीं किया है। यह विचार नेतृत्व, नीति और तकनीकी रुझानों के बारे में है। निवेश एक उपोत्पाद है, लेकिन मुख्य विषय नहीं। यह भूमिका हमारी समर्पित वैश्विक निवेशक बैठक निभाती है।”
स्थानीय स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने को लेकर उन्होंने राज्य के बाज़ार पहुंच कार्यक्रम पर प्रकाश डाला, जिसके माध्यम से चयनित प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम विशिष्ट तकनीकी विषयों के आधार पर स्टार्टअप्स को लक्षित देशों के प्रासंगिक उद्योगों से जोड़ते हैं इससे कई स्टार्टअप्स को विदेशों में कार्यालय खोलने और वैश्विक ग्राहक हासिल करने में मदद मिली है।’
इस दौरान उन्होंने ‘बियॉन्ड बेंगलुरु’ पहल के महत्व का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य राज्य की राजधानी बेंगलुरु के बाहर तकनीकी समूहों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, ‘हम इन समूहों को बीटीएस में लाते हैं और बीटीएस प्रतिनिधियों को इन्हें तलाशने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। यह नवाचार के विकेंद्रीकरण का एक हिस्सा है।’
राष्ट्रीय भागीदारी पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए श्रीमती कौर ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन अब वास्तव में एक अखिल भारतीय आयोजन बन गया है। उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष 36 से ज़्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भाग लेने की उम्मीद है। बीटीएस अब सिर्फ़ कर्नाटक का आयोजन नहीं रह गया है। यह एक राष्ट्रीय तकनीकी मंच है।
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