Lucknow News: 11 माह चला ट्रॉयल, तीन बार खारिज कराई जमानत, 87 दिन में दाखिल हुई चार्जशीट, जानें 85 लाख रुपये ठगने का पूरा मामला – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार: महानगर के पास स्थित इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट निवासी डॉ. सौम्या गुप्ता को डिजिटल अरेस्ट कर 85 लाख रुपये ठगने के मामले में कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। इस मामले में साइबर क्राइम थाने की टीम ने तीन बार आरोपी देवाशीष राय की जमानत अर्जी खारिज कराई। वहीं करीब 11 माह तक कोर्ट में ट्रॉयल चला। इसके बाद बुधवार देर शाम को विशेष सीजेएम न्यायालय कस्टम अमित कुमार की कोर्ट ने 18 पेज का फैसला सुनाया।
डॉ. सौम्या को आरोपी देवाशीष राय ने 15 अप्रैल को कॉल कर डिजिटल अरेस्ट किया। 10 दिन तक उनको अपनी निगरानी में रखकर 85 लाख रुपये वसूले। उन पर जाली पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और 140 ग्राम एमडीएम मिलने का आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। पीड़िता ने एक मई को साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। इसके बाद 5 मई को देवाशीष राय को गोमतीनगर विस्तार इलाके से गिरफ्तार किया। मामले के विवेचक व साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने साक्ष्य जुटाने शुरू किये। 87 दिन के अंदर कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट 2 अगस्त 2024 को दाखिल कर दिया। इस दौरान देवाशीष के वकील ने तीन बार जमानत अर्जी डाली। जिसका साक्ष्यों के आधार पर विरोध करते हुए साइबर क्राइम थाने की टीम ने अर्जी खारिज करा दी।
माल परीक्षण व गवाहों के कराये बयान
इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृजेश कुमार यादव के मुताबिक चार्जशीट दाखिल करने के बाद त्वरित ट्रॉयल के लिए पैरवी शुरू की गई। इस दौरान बरामद किये गये माल का परीक्षण कराया गया। वहीं, गवाहों के बयान दर्ज कराये गये। आरोपी और उसके वकील के सारे दांव पेंच को खारिज कराते हुए उसे जिला कारागार से बाहर नहीं आने दिया गया। गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने मंगलवार की तारीख तय की। इस दिन कोर्ट ने आरोपी देवाशीष राय पर लगाये गये आरोपों को साक्ष्य के आधार पर सही पाया। उसे दोष सिद्ध बताते हुए बुधवार को फैसला सुनाने की तारीख रखी। बुधवार शाम को कोर्ट ने उस लगाये गये सभी धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई।
रंग लाई टीम की मेहनत
आरोपी देवाशीष राय की गिरफ्तारी से लेकर कोर्ट में ट्रायल के दौरान सुनवाई में मजबूत साक्ष्य रखे गये। जिसके आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई। इसमें साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव, अभियोजन अधिकारी अजय कुमार यादव, मषिंद्र चौहान, मुख्य आरक्षी विवेक कुमार यादव, आरक्षी धनीश कुमार और संजय कसौधन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
सभी धाराओं पाया दोषी, सुनाई सजा
– धारा-419 में 2 वर्ष का कारावास व दो हजार रुपये का अर्थदण्ड
– धारा-420 में 5 वर्ष का कारावास व तीन हजार रुपये के अर्थदण्ड
– धारा-467 में 7 वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपये का अर्थदण्ड
– धारा-468 में 5 वर्ष का कारावास व तीन हजार रुपये का अर्थदण्ड
– धारा 471 में 7 वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपये का अर्थदण्ड
– धारा-66 डी आईटी एक्ट में 2 वर्ष का कारावास व पचास हजार रुपये के अर्थदण्ड
प्रमुख बिंदु:
– केजीएमयू की डॉ. सौम्या गुप्ता को 15 से 25 अप्रैल तक रखा गया था डिजिटल अरेस्ट
– सीबीआई और कस्टम अधिकारी बन 85 लाख वसूले
– एक मई को साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज
– पांच मई को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा
– 87 दिन में कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
– तीन जमानत अर्जी डाली थी, विरोध कर खारिज कराया
– 351 दिन चला मामले का ट्रॉयल
– कोर्ट ने सुनाई सात वर्ष की सजा, 68 हजार रुपये अर्थदंड
– 18 पेज का फैसला सुनाया
– हर धारा में अलग-अलग सजा और अर्थदंड
– 20-25 दिन पर हो रही थी पेशी