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Republic Day 2025: कर्तव्य पथ बिखरीं ‘स्वर्णिम भारत: विरासत-विकास’ की छटा – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर देश की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश दर्शाती कुल 26 झाकियां निकाली गयी, जिनमें 16 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों और 10 केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभागों की झांकियां शामिल थीं। कर्तव्य पथ से निकलने वाली इन सभी झांकियों में ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को दर्शाया गया। 

झांकियों में भारत की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश के शानदार भविष्य को प्रदर्शित किया गया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भाग लेने वाली झांकियों में पहली झांकी गोवा की रही, जिसमें गोवा की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया। वहीं उत्तराखंड की झांकी में सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेल को प्रदर्शित किया गया। 

हरियाणा की झांकी में भगवत गीता का प्रदर्शन किया गया। झारखंड की झांकी स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति की एक विरासत, गुजरात की झांकी स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास रही। वहीं आंध्र प्रदेश की झांकी में एटिकोप्पका बोम्मलु- पर्यावरण-अनुकूल लकड़ी के खिलौनों को दिखाया गया। पंजाब की झांकी पंजाब ज्ञान और बुद्धिमत्ता की भूमि है पर आधारित रही। 

उत्तर प्रदेश की झांकी महाकुंभ 2025 – स्वर्णिम भारत विरासत और विकास पर आधारित रही। बिहार की झांकी में स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास (नालंदा विश्वविद्यालय) को दिखाया गया। मध्य प्रदेश की झांकी मध्य प्रदेश की शान: कुनो राष्ट्रीय उद्यान- चीतों की भूमि पर रही। 

वहीं, त्रिपुरा की झांकी में अनन्त श्रद्धा: त्रिपुरा में 14 देवताओं की पूजा – खर्ची पूजा को दिखाया गया। कर्नाटक की झांकी ने लक्कुंडी: पत्थर शिल्प का उद्गम स्थल को दिखाया गया । वहीं, पश्चिम बंगाल की झांकी पश्चिम बंगाल की ‘लक्ष्मी भंडार’ और ‘लोक प्रसार प्रकल्प’ – बंगाल में जीवन को सशक्त बनाना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने को दर्शाया।

चंडीगढ़ की झांकी ‘चंडीगढ़: विरासत, नवाचार और स्थिरता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण’ विषय पर रही। वहीं दिल्ली की झांकी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को दर्शाया गया और दादरा नगर हवेली और दमन-दीव की झांकी कुकरी स्मारक के साथ दमन एवियरी बर्ड पार्क- भारतीय नौसेना के वीर नाविकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुयीं निकली।

इसके बाद मंत्रालयों/विभागों की झांकियां कर्तव्य पथ पर निकलीं जिनमें सबसे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की झांकी निकली, जो भारत का संविधान, हमारी विरासत, विकास और पथ-प्रदर्शक की आधारशिला विषय पर आधारित थी। वहीं, जनजातीय मामलों का मंत्रालय की झांकी जनजातीय गौरव वर्ष को प्रदर्शित किया गया।

 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी में मंत्रालय की व्यापक योजनाओं के तहत पोषित महिलाओं और बच्चों की बहुमुखी यात्रा को दिखाया गया। वहीं, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की झांकी स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास पर आधारित रही। ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी में लखपति दीदी को दिखाया गया।

इसी तरह से वित्तीय सेवा विभाग की झांकी वित्तीय विकास में भारत की उल्लेखनीय यात्रा को प्रदर्शित किया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की झांकी आधुनिक विज्ञान चरम मौसम की भविष्यवाणी- जीवन और आजीविका की रक्षा विषय पर आधारित रही। पशुपालन और डेयरी विभाग की झांकी में स्वर्णिम भारत विरासत और विकास भारत की देशी गोजातीय नस्लों को सतत ग्रामीण विकास के प्रतीक के रूप में सम्मानित करने को दिखाया गया। 

संस्कृति मंत्रालय की झांकी ने स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास की गथा को दिखाया। वहीं केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में फूलों की झांकी के माध्यम से भारत के संविधान के 75 वर्ष को प्रदर्शित किया गया । इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर ‘जयति जय ममः भारतम्’ शीर्षक के तहत 5,000 कलाकार 11 मिनट के सांस्कृतिक प्रस्तुति दी, जिसमें देश के विभिन्न भागों से 45 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया गया। 

सांस्कृतिक प्रस्तुति पहली बार, प्रदर्शन पूरे कर्तव्य पथ – विजय चौक से लेकर सी हेक्सागन तक – को कवर किया । इसके मकसद यह था कि यहां आने वाले सभी मेहमान इसका आनंद उठा सकें। गौरतलब है कि पहले कलाकार चलकर कर्तव्य पथ पर आते थे और राष्ट्रपति के मंच के सामने प्रस्तुति देते थे।

इसके बाद कोर ऑफ़ सिग्नल्स मोटरसाइकिल राइडर डिस्प्ले टीम (जिसे ‘द डेयर डेविल्स’ के नाम से जाना जाता है) ने सांस थमने वाले स्टंट किया। टीम बुलेट सैल्यूट, टैंक टॉप, डबल जिमी, डेविल्स डाउन, लैडर सैल्यूट, शत्रुजीत, श्रद्धांजलि, मर्करी पीक, इन्फो वॉरियर्स, लोटस और ह्यूमन पिरामिड सहित कई संरचनाओं के माध्यम से अपनी बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।

इसके बाद परेड के सबसे उत्सुकता से प्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक, ‘फ्लाई-पास्ट’ के दौरान भारतीय वायुसेना के 40 विमान/हेलीकॉप्टर (22 लड़ाकू जेट, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर) द्वारा एक शानदार एयर शो दिखाया।

 इनमें राफेल, एसयू-30, जगुआर, सी-130, सी-295, सी-17, एडब्ल्यूएसीएस, डोर्नियर-228 और एनएन-32 विमान और अपाचे और एमआई-17 हेलीकॉप्टर शामिल रहे। इन्होंने ध्वज, अजय, सतलुज, रक्षक, अर्जन, नेत्र, भीम, अमृत, वज्रांग, त्रिशूल और विजय सहित विभिन्न संरचनाओं का प्रदर्शन किया। अंतिम वर्टिकल चार्ली युद्धाभ्यास राफेल लड़ाकू विमान द्वारा किया गया।

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