विदेश

बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब, अगरतला की घटना को लेकर जताई नाराजगी – Utkal Mail

ढाका। बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय के कार्यालय में तलब किया। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में मीडिया को बताया, उन्हें (वर्मा को) बुलाया गया है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संवाद संस्था’ (बीएसएस) ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त शाम चार बजे यहां विदेश मंत्रालय पहुंचे। बीएसएस ने बताया कि कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्ला ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है। पांच अगस्त को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आ जाने के बाद से दोनों पड़ोसियों के संबंधों में तनाव आ गया है, जो पिछले सप्ताह हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद और बढ़ गया है। 

मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा, अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में परिसर में घुसपैठ की घटना बेहद खेदजनक है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और भारत में देश के अन्य मिशनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है।

आपको बता दें कि कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हम समानता और परस्पर सम्मान आधारित मित्रता में यकीन रखते हैं। शेख हसीना सरकार ने चुनावों के बिना सत्ता में बने रहने के लिए भारत समर्थक नीति का पालन किया, लेकिन भारत को यह समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है।  नौकरियों में आरक्षण से जुड़े विवाद को लेकर अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के कारण अपदस्थ हुईं प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को भारत चली गई थीं।

तीन दिन बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।  हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों के विरोध में, पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार को हजारों की संख्या में लोगों ने व्यापक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर घुस गए और कथित तौर पर तोड़फोड़ की। विदेश मंत्रालय ने इस घटना को बहुत खेदजनक बताया है। 

नजरुल ने आरोप लगाया कि हिंदू संघर्ष समिति नाम का एक संगठन इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि घटना के तहत बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे को जला दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यदि इसी तरह की घटना ‘मुस्लिम संघर्ष समिति’ के नाम से बांग्लादेश में होती तो भारत कितनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करता।’’ कानूनी मामलों के सलाहकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस टिप्पणी की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों की तैनाती का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सीमाओं के भीतर अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश एक स्वतंत्र, संप्रभु और स्वाभिमान वाला राष्ट्र है जो ‘‘निडर और युवा पीढ़ी’’ द्वारा संचालित है। पांच अगस्त को जब हसीना भारत चली गईं, तब से दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पिछले सप्ताह हिंदू संत दास की गिरफ्तारी और उसके बाद उनके बैंक खातों को जब्त करने से यह तनाव और बढ़ गया। इसके परिणामस्वरूप, चटगांव में एक सरकारी वकील की हत्या कर दी गई। इस बीच, बांग्लादेश के अगरतला मिशन में की गई तोड़फोड़ पर नयी दिल्ली के ‘‘गहरा’’ खेद व्यक्त करने के बाद, मंगलवार को भारत की राजधानी में बांग्लादेश उच्चायोग और देश में उसके अन्य राजनयिक मिशन में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं। 

ये भी पढे़ं : न्यूजीलैंड की सबसे ऊंची चोटी पर अमेरिका और कनाडा के तीन पर्वतारोही लापता 


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button