बर्थडे स्पेशल : हिटमैन के वो रिकॉर्ड जिन्हें तोडना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, जानिए रोहित शर्मा से जुड़ी दिलचस्प बातें – Utkal Mail

अमृत विचार। आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे रोहित शर्मा, उनका जन्म आज ही के दिन 30 अप्रैल साल 1987 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। रोहित अपनी बल्लेबाजी और बेहतरीन कप्तानी के चलते दुनियाभर में हिटमैन के नाम से विख्यात है। बतौर कप्तान रोहित ने कई बड़े टूर्नामेंट जीते है। सर्वकालिक वाइट बॉल क्रिकेट के भारत के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड है जो जल्दी किसी और से टूटने वाले नहीं हैं।
बता दें कि रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान के रूप में ICC के दो टूर्नामेंट जीते हैं जिनमें T20 वर्ल्ड कप और ICC चैंपियंस ट्रॉफी शामिल हैं। इसके अलावा दो एशिया कप और एक ‘नीदहास ट्रॉफी’ और पांच बार के आईपीएल विजेता रह चुके हैं। रोहित शर्मा T20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। जिन्होंने भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में वनडे विश्वकप, T20 वर्ल्ड कप, टेस्ट चैंपियनशिप और चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में लीड किया है।
रोहित शर्मा के वो बड़े रिकॉर्ड, जिन्हें तोडना नामुमकिन है!
पहला रिकॉर्ड
रोहित ने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा 264 रनों की पारी खेली है।
दूसरा रिकॉर्ड
वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में ३ दोहरे शतक जड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम किया आपको बता दें कि उनके अलावा कई बल्लेबाजों ने वनडे में दोहरा शतक जड़ा है। लेकिन किसी दो ने भी दोहरे शतक एकदिवसीय इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं जड़ा है।
तीसरा रिकॉर्ड
उन्होंने 2019 के विश्व कप में 5 शतक जड़े है, इस रिकॉर्ड को तोडना बहुत मुश्किल है।
चौथा रिकॉर्ड
इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा हिट सिक्सर लगाने वाले है रोहित, उनके नाम अबतक 637 इंटेरननाशनल सिक्सर है। इससे ज्यादा किसी भी क्रिकेटर ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है।
पांचवा रिकॉर्ड
रोहित शर्मा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अबतक 11168 रन बनाये है। 49 शतक है जिसमें 3 दोहरे शतक शामिल हैं। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने ४३०१ रन बनाये है। 4321 रन उन्होंने T20 इंटरनेशनल क्रिकेट में बनाये है। वे अब इंटरनेशनल T20 से संन्यास ले चुके है।
क्रिकेट से पहले …..
इस भारतीय स्टार क्रिकेटर का बचपन इतना भी आसान नहीं रहा है बता दें कि पिता की आय काम होने के चलते रोहित बचपन में अपने पिता के साथ नहीं बल्कि दादा और चाचा के साथ रहते थे। हालांकि, उनके माता पिता उनसे हफ्ते में मिलने आया करते थे। उनके चाचा ही थे जिन्होंने रोहित को क्रिकेट लेकर गए थे। वो उनके चाचा ही थे जिन्होंने रोहित को आर्थिक रूप से मदद दी थी साल 1999 में चाचा ने ही पैसे देकर क्रिकेट कैंप में शामिल कराया था। उसके बाद उनके कोच ने उन्हें स्कूल बदलने की सलाह दी और उनका एडमिशन स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में करने को कहा था।
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