सृष्टि संचालन का कार्यभार शिव परिवार पर, फिर कौन संभालेगा ये जिम्मेदारी? – Utkal Mail

भगवान विष्णु साल में चार महीने देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक एकादशी तक योग निद्रा में रहते हैं इसे ‘चातुर्मास’ कहा जाता है यह अवधि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होती है और कार्तिक शुक्ल एकादशी को समाप्त होती है। जो इस बार 06 जुलाई से लेकर 01 नवंबर तक रहेगा चातुर्मास।
भगवान शिव पर आती है सारी जिम्मेदारी
भगवान विष्णु के योग निद्रा में रहने का अर्थ यह है कि इस दौरान सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी भगवान शिव के परिवार पर आ जाती है. भगवान शिव के परिवार भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश भगवान और कार्तिकेय इस अवधि में विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सृष्टि की रक्षा करते हैं.
कौन चलाता है सृष्टि?
भगवान विष्णु 4 महीना सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक योग निद्रा में रहते हैं जब भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, तो सृष्टि का संचालन भगवान शिव के परिवार के द्वारा किया जाता है।
1.भगवान शिव: सृष्टि के संहारक के रूप में, शिव इस अवधि में विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं वे नकारात्मक शक्तियों का विनाश करते हैं और संतुलन बनाए रखते हैं सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित रहता है इसलिए सावन का महीना भगवान शिव चलाते हैं।
2. भाद्रपद का महीना भगवान गणेश को समर्पित रहता है यह महीना भगवान गणेश संचालन करते हैं इस महीने में भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
3.मां पार्वती : चातुर्मास का तीसरा महीना यानी अश्विन के महीने में मां पार्वती के रूप में मां दुर्गा , विशेष रूप से सक्रिय रहती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं वे भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में ऊर्जा और शक्ति का संचार करती हैं इस महीने में नवरात्रि जैसे त्यौहार मनाया जाते हैं।
4. चातुर्मास का चौथा: कार्तिक का महीना भगवान कार्तिकेय को समर्पित रहता है इसलिए चातुर्मास का चार महीना भगवान शंकर का परिवार पूरी सृष्टि को संचालित करता है।-आचार्य पवन तिवारी, संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान
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