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पुडुचेरी में हड़ताल का असर: दुकानें बंद, सड़कों पर सन्नाटा, निजी वाहन भी दिखे नदारद – Utkal Mail

पुडुचेरी। केंद्र सरकार की नई श्रम नीतियों और चार श्रम संहिताओं के खिलाफ 10 श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल ने बुधवार को पुडुचेरी में जनजीवन को प्रभावित किया। इस हड़ताल के चलते निजी बसें, ऑटो और टेंपो सड़कों से गायब रहे। एक सूत्र के अनुसार, निजी स्कूलों ने एहतियाती कदम उठाते हुए छुट्टी घोषित कर दी, वहीं दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सब्जी और मछली बाजार पूरी तरह बंद रहे। 

श्रमिक संगठनों ने चार श्रम संहिताओं को रद्द करने, ठेका प्रथा को खत्म करने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने और न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग की है। इसके साथ ही, किसान संगठनों ने स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए कर्ज माफी की मांग को भी समर्थन दिया है।

सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति की सख्त निगरानी की गई। सूत्रों के मुताबिक, विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए थे कि वे अनुपस्थित कर्मचारियों का ब्योरा अनिवार्य रूप से जमा करें। कर्मचारी दोपहिया वाहनों के जरिए अपने कार्यस्थलों तक पहुंचे। प्रादेशिक प्रशासन ने आदेश जारी कर कर्मचारियों को चेतावनी दी कि बिना पूर्व अनुमति के अनुपस्थिति को आचरण नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे सेवा में व्यवधान के रूप में देखा जाएगा। 

पुडुचेरी के प्रमुख शॉपिंग सेंटर्स में सन्नाटा छाया रहा, क्योंकि दुकानदारों ने हड़ताल के समर्थन में अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। विभिन्न श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कई स्थानों पर ‘रोड रोको’ प्रदर्शन किए और गिरफ्तारियां दीं। सुरक्षा के लिए प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। सरकारी बसें समूहों में संचालित की गईं। बिजली और पानी की आपूर्ति सामान्य रही। 

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऑटो और टेंपो के सड़कों से गायब रहने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या सामान्य से कम रही। हालांकि, स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने नियमित रूप से अपने कार्य को अंजाम दिया।

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