भारत

कांग्रेस ने कहा- अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र लाया गया वास्तविक सच्चाइयों को छिपाने और ध्यान भटकाने के लिए  – Utkal Mail

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को राज्यसभा में कहा कि अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र इस देश की “वास्तविक सच्चाइयों” को छिपाने और महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति जैसे मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा लाया गया है।

सरकार द्वारा लाए गए श्वेत पत्र पर उच्च सदन में हुई अल्पकालिक चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने देश के सामने मौजूद मुद्दों से ध्यान भटकाने और अपने बचाव के लिए इसका इस्तेमाल किया है।

पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह, नरसिंह राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भारत रत्न सम्मान का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि इन लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर कांग्रेस पार्टी ने ही नियुक्त किया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ‘‘भारत रत्न’’ का उपयोग चुनाव और राजनीति के लिए करती है जबकि कांग्रेस ऐसा नहीं करती। वेणुगोपाल ने सवाल किया कि सरकार ने नोटबंदी के प्रभाव का जिक्र श्वेत पत्र में क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र में बेरोजगारी दर, गरीबी और रुपये के मूल्य का भी कोई जिक्र क्यों नहीं है।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि इससे न सिर्फ काले धन और नकली नोट की समस्या का समाधान होगा बल्कि आतंकवाद पर भी काबू पाया जा सकेगा। कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण देश का एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र बर्बाद हो गया और बड़ी संख्या में रोजगार समाप्त हो गए।

उन्होंने श्वेत पत्र लाए जाने के सरकार के मकसद पर सवाल करते हुए विभिन्न आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तत्कालीन संप्रग सरकार का प्रदर्शन मौजूदा सरकार की अपेक्षा बेहतर थे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान बेरोजगारी की दर 5.6 प्रतिशत थी जो इस सरकार के दौरान 2022 में आठ प्रतिशत तक पहुंच गयी।

उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में उसका भी जिक्र किया जाना चाहिए था। वेणुगोपाल ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी ने कहा था कि हमारा रुपया वेंटिलेटर पर है और अब सरकार को बताना चाहिए कि अभी भारतीय मुद्रा कहां है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में ‘गारंटी’ शब्द का उपयोग किया था, उसके बाद प्रधानमंत्री ‘‘मोदी की गारंटी’’ का जिक्र करने लगे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि उन्हें अपनी पूर्व की गारंटी का हिसाब देना चाहिए कि उन्हें कब पूरा किया जाएगा। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि 2014 में मोदी ने दो करोड़ लोगों को रोजगार, 100 दिन में काला धन वापस लाने, हर खाते में 15 लाख रुपये डालने, किसानों की आय दोगुनी करने, 2020 तक देश में 100 स्मार्ट शहरों की स्थापना करने जैसे विभिन्न वादे किए थे तथा उन्हें उन वादों का हिसाब देना चाहिए।

वेणुगोपाल ने कहा कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद मामले में भी संप्रग सरकार का प्रदर्शन बेहतर था और सरकार को तथ्यों को छिपाना नहीं चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने मकसद के लिए आंकड़ों का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान शिक्षा का अधिकार कानून, सूचना का अधिकार कानून, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए गए जिनका देश में व्यापक प्रभाव पड़ा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को बताना चाहिए कि उसने अपने कार्यकाल में ऐसा कौन सा कानून बनाया। उन्होंने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार का खुलासा कैग की रिपोर्ट से होता है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कैग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करती। वेणुगोपाल ने कहा कि संप्रग शासन के दौरान शुद्ध विदेशी निवेश सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 प्रतिशत था और अब यह सकल घरेलू उत्पाद का 0.8 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का शासनकाल निजी निवेश के लिए स्वर्णिम काल था। उन्होंने दावा किया कि रोजगार क्षेत्र की स्थिति निराशाजनक है, खासकर युवाओं के लिहाज से। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 20 से 24 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी की दर 44.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी। 

ये भी पढ़ें – दिल्ल: सैलून में दो लोगों की हत्या करने के आरोपियों की हुई पहचान, संजीव दहिया उर्फ संजू और दूसरा हर्ष उर्फ चिंटू 


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button