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पहला आईसीसी खिताब जीतने के लिये दक्षिण अफ्रीका को तोड़ना होगा आस्ट्रेलियाई तिलिस्म  – Utkal Mail

लंदन। पिछले दो साल में बेहतरीन प्रदर्शन करके विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल तक पहुंची दक्षिण अफ्रीका के सामने ‘चोकर्स’(दबाव के आगे घुटने टेकने वाले) का ठप्पा हटाने का सुनहरा मौका होगा लेकिन इसके लिये उसे आईसीसी टूर्नामेंटों की दिग्गज आस्ट्रेलिया के किले में सेंध लगानी होगी। ऑस्ट्रेलिया इकलौती टीम है जिसने आईसीसी की चारों ट्रॉफी (वनडे विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 विश्व कप और डब्ल्यूटीसी) जीती है। वैश्विक टूर्नामेंटों के फाइनल में उसे हराना और मुश्किल होता है। 

टीम आईसीसी टूर्नामेंटों में 13 बार फाइनल में पहुंची है और इसमें से 10 बार खिताब जीतने में सफल रही है। दक्षिण अफ्रीका की टीम अहम मैचों में जीत के करीब पहुंच कर फिसलने के लिए जानी जाती है। टीम ने अब तक आईसीसी का सिर्फ एक टूर्नामेंट जीता है। टीम ने 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। दक्षिण अफ्रीका की इस टीम में अनुभव और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है और टीम तटस्थ स्थल पर खेले जाने वाले इस मैच के जरिये पिछली विफलताओं को भुलाना चाहेगी। टीम ने डब्ल्यूटीसी के 2023-25 चक्र में सबसे ज्यादा 30 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया। इसमें से ज्यादातर खिलाड़ी सही समय पर रन बनाने वाले या विकेट लेने वाले निकले। टीम लगातार सात टेस्ट में जीत के साथ डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने के लिए तैयार है। उसने पिछले साल दिसंबर में ही इसका टिकट पक्का कर लिया था। 

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती पारी का आगाज करने के लिए उस्मान ख्वाजा के साथी को तय करने की होगी। टीम के पास भारत के खिलाफ पिछले डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने वाले अंतिम एकादश से डेविड वार्नर को छोड़कर बाकी के 10 खिलाड़ी मौजूद है। मध्यम गति के गेंदबाज जोश हेजलवुड उस मैच को चोट के कारण नहीं खेल पाये थे। वह हालांकि उस टीम में शामिल रहे स्कॉट बोलैंड की जगह लेने के लिए तैयार है। हेजलवुड ने कंधे की चोट से उबरते हुए पिछले सप्ताह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आईपीएल चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभई। उन्होंने आईपीएल में 12 मैचों में 22 विकेट लेकर दमदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाज के तौर पर वॉर्नर की जगह लेने वाले का फैसला अब भी नहीं हुआ है। 

19 साल के सैम कोंस्टास ने भारत के खिलाफ आक्रामक तेवर से प्रभावित किया लेकिन लेकिन फरवरी में श्रीलंका में ट्रेविस हेड ने इस भूमिका को निभाया। माना जा रहा कि हेड एक बार भी इस भूमिका में दिखेंगे। टीम के लिए मध्यक्रम में मार्नस लाबुशेन की फॉर्म चिंता की विषय है लेकिन हरफनमौला कैमरून ग्रीन ने सर्जरी से वापसी करते हुए काउंटी क्रिकेट में ग्लूस्टरशर का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन शतक जड़ कर शानदार वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में अनुभव की कोई कमी नहीं है। 

टीम में ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालिक शीर्ष 10 विकेट लेने वालों में से चार गेंदबाज शामिल है। इसमें नाथन लियोन (553, तीसरे), मिचेल स्टार्क (382, चौथे), कप्तान पैट कमिंस (294, आठवें) और हेजलवुड (279, 10वें) का नाम हैं। स्मिथ 36 साल के हो गये हैं और उन्होंने मार्च के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। यही हाल कोनस्टास, सलामी बल्लेबाज ख्वाजा, लियोन, बोलैंड और विकेटकीपर एलेक्स कैरी का भी है। स्मिथ ने हालांकि पिछले पांच टेस्ट मैचों में चार शतक जड़े है और उन्होंने 10,000 रनों का आंकड़ा भी पार कर लिया है। यह आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम के रनों के लगभग बराबर है। लॉर्ड्स उनका औसत 58 के आसपास का है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कैगिसो रबाडा से निपटने की होगी। 

ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों के लिए भी रबाडा मुश्किलें खड़ा करेंगे। उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में ख्वाजा को पांच बार चलता किया है। रबाडा के नाम 327 टेस्ट विकेट है। उन्हें मार्को यानसेन से बेहतर मदद की उम्मीद होगी। वामहस्त तेज गेंदबाज यानसेन ने डब्ल्यूटीसी चक्र में छह मैचों में 29 विकेट चटकाये हैं। टीम में लुंगी एनगिडी और डेन पैटरसन तेज गेंदबाजी के तीसरे विकल्प होंगे। एनगिडी आईपीएल खेल कर वहां पहुंच है तो वही पेटरसन ने हाल में काउंटी क्रिकेट खेला है। एडेम मारक्रम और रयान रिकेल्टन दक्षिण अफ्रीका के लिए पारी का आगाज करेंगे जबकि कप्तान बावुमा चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करेंगे। 

मौजूदा डब्ल्यूटीसी चक्र में टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले डेविड बेडिंघम ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अभ्यास मैच में साबित कर दिया कि वह अप्रैल में अंगुली के फ्रैक्चर से उबर चुके हैं। लॉर्ड्स के मैदान पर हालांकि दोनों टीमों का रिकॉर्ड शानदार रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने सात मैचों में सिर्फ एक हार का सामना किया है जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम इस मैदान पर पिछले 10 साल में एक भी मैच नहीं गंवाया है। 

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