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MP: बालाघाट स्ट्रांग रूम में रखे गए डाक मतपत्रों को खोलने को लेकर विवाद, मतदान अधिकारी निलंबित – Utkal Mail


भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना से कुछ दिन पहले कुछ अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर स्ट्रांग रूम खोलने और डाक मतपत्रों को अलग करने के विवाद के बीच बालाघाट जिले के एक अनु विभागीय कार्यपालिक दण्डाधिकारी (एसडीएम) को निलंबित कर दिया गया।

विपक्षी कांग्रेस ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को एक ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि 27 नवंबर को डाक मतपत्रों को स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर ले जाया गया। विपक्षी दल ने बालाघाट कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस घटना को “प्रक्रियात्मक चूक” करार दिया था।

बालाघाट विधानसभा सीट के रिटर्निंग अधिकारी एसडीएम गोपाल कुमार सोनी को निलंबित करने का आदेश मंगलवार को जिला कलेक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी गिरीश मिश्रा द्वारा जारी किया गया। आदेश के अनुसार, जबलपुर संभागीय आयुक्त के निर्देशों के बाद सोनी को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले, डाक मतपत्र घटना के सिलसिले में सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) एवं तहसीलदार हिम्मत सिंह भवेदी को निलंबित कर दिया गया था।

कांग्रेस द्वारा ज्ञापन सौंपे जाने के बाद, प्रदेश के सीईओ अनुपम राजन ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने प्रक्रिया से संतुष्टि व्यक्त की है। राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पार्टी के चुनाव मामलों के प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया था कि बालाघाट में कोषागार कक्ष से डाक मतपत्र निकाल लिए गए और कर्मचारियों को सौंप दिए गए।

धनोपिया ने प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग करते हुए ज्ञापन में कहा था, “इसलिए, डाक मतपत्रों की पवित्रता संदेह के घेरे में है।” बालाघाट कलेक्टर गिरीश मिश्रा ने एक बयान जारी कर कहा था कि आने वाले डाक मतपत्रों को अलग करने के लिए स्थानीय तहसील कार्यालय में बनाए गए स्ट्रांग रूम को राजनीतिक दलों के अधिकृत मतदान एजेंटों की उपस्थिति में खोला गया था।

उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार, विभिन्न जिलों से इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीबीपीएस) के माध्यम से आने वाले मतपत्रों को स्ट्रांग रूम खोलने के बाद हर दिन दोपहर तीन बजे विधानसभा-वार अलग किया जाता है। कलेक्टर के हवाले से कहा गया कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मतपत्रों को सावधानीपूर्वक बंडलों में रखा जाता है।

बयान में कहा गया है कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों के बैहर के 429, लांजी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 और कटंगी के 126 वोटों को अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में अलग किया गया। इसमें कहा गया है, “किसी ने इस प्रक्रिया का वीडियो शूट किया और भ्रम पैदा करने के लिए इसे प्रसारित किया।” मिश्रा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि यह एक प्रक्रियात्मक गलती थी क्योंकि निर्धारित समय और तारीख से पहले डाक मतपत्रों की छंटाई के लिए स्ट्रांग रूम खोला गया।

कलेक्टर ने यह भी दावा किया कि उन्हें स्ट्रांग रूम खोलने और विधानसभा क्षेत्रवार डाक मतपत्रों की छंटाई के बारे में संबंधित अधिकारियों द्वारा सूचित नहीं किया गया था। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 17 नवंबर को हुआ था। मतगणना गिनती तीन दिसंबर को होगी।

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