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जम्मू-कश्मीर के चनापोरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में रोमांचक मुकाबला – Utkal Mail

श्रीनगर,अमृत विचार। जम्मू-कश्मीर के चनापोरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में रोमांचक मुकाबले के लिए मंच तैयार है, जहां 25 सितंबर को मतदान होगा। अमीरा कदल से अलग किए गए इस निर्वाचन क्षेत्र में 2014 में 86,520 से 2024 में 85,431 मतदाता आधार में गिरावट देखी गई है। सीमाओं के पुनर्निर्धारण ने मतदाता आधार को कम कर दिया है, जिससे मुख्य दलों के बीच मुकाबला कड़ा और रोमांचक हो गया है। पुनः परिभाषित इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले मुख्य राजनीतिक दल अपनी पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (नेकां)-कांग्रेस गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) हैं।परिसीमन से पहले, निर्वाचन क्षेत्र में 86,520 मतदाता थे, जिनमें 44,647 पुरुष और 41,873 महिलाएं थीं। अब, नए सिरे से बनायी गयी सीमा-रेखा और नए नाम के साथ निर्वाचन क्षेत्र में कुल 85,431 मतदाता हैं, जिनमें से 42,556 पुरुष और 42,874 महिलाएं हैं।

नए निर्वाचन क्षेत्र में 91 मतदान केंद्र हैं जिनमें से ज़्यादातर शहरी क्षेत्रों में हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान आज यानी बुधवार को हो रहा है जबकि दूसरा 25 सितंबर को और अंतिम चरण का एक अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा।चनापोरा विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान होगा। परिणाम तिथि तीनों चरणों के समापन के बाद, चनापोरा सहित सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों के परिणाम आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

सीट बंटवारे के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन समझौते के अनुसार नेकां और कांग्रेस गठबंधन ने मुश्ताक गुरु को मैदान में उतारने का फैसला किया है।अपनी पार्टी ने अपने अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी को मैदान में उतारा है, जिन्हें पसंदीदा उम्मीदवार माना जा रहा है। पीडीपी ने मोहम्मद इकबाल त्रंबू को चुनावी ‘रणभूमि’ में उतरा है। मोहम्मद इकबाल त्रंबू, जो कुछ वर्षों से पार्टी के साथ हैं, अभी तक कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य पर कोई खास प्रभाव नहीं डाल पाए हैं। भाजपा ने इस निर्वाचन क्षेत्र से हिलाल अहमद वानी को मैदान में उतारा है। जिब्रान डार और शीबन अशाई, जिन्होंने हाल ही में संपन्न संसदीय चुनावों में चुनाव लड़ा था, चनापोरा निर्वाचन क्षेत्र में विधायक सदस्यता वाली सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों में शामिल हैं।वर्ष 2014 में पीडीपी में रहे अल्ताफ बुखारी ने नेकां के नासिर असलम वानी को हराकर सीट जीती थी। अल्ताफ बुखारी को 11,726 वोट मिले जबकि हिलाल अहमद वानी को 6,385 वोट मिले। भाजपा ने इस सीट से डॉ. हिना शफी भट को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें केवल 1,359 वोट ही मिले।

वर्ष 2014 में इस सीट से कुल 14 नामांकन दाखिल किए गए, जिनमें से 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उस वर्ष हुए मतदान में डाले गए कुल वोटों की संख्या 21,488 थी।तत्कालीन बटमालू निर्वाचन क्षेत्र में मतदान 24.84 प्रतिशत था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में चनापोरा निर्वाचन क्षेत्र एक आकर्षक मुकाबला पेश होने की संभावना है। उनके मुताबिक इस बार बुखारी को इस सीट के लिए सबसे आगे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 2014 में यह सीट जीती थी जब यह अमीरा कदल निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा था। उनके पास मजबूत स्थानीय पहचान और राजनीतिक अनुभव है।

विश्लेषकों के अनुसार अल्ताफ बुखारी का अपनी पार्टी का नेतृत्व और पीडीपी नेता के रूप में उनकी पिछली भूमिका उन्हें महत्वपूर्ण लाभ देती है, और घटते मतदाता तथा पुनर्परिभाषित सीमाओं ने मतदाता आधार को थोड़ा ही प्रभावित किया है, जो कि बड़े पैमाने पर शहरी और राजनीतिक रूप से जागरूक हैं। 

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