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Israel-Iran War: इजरायल और ईरान ने फिर किए हमले, संघर्ष रोकने के लिए नए कूटनीतिक प्रयास शुरू – Utkal Mail

तेल अवीव। इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष शुरू होने के एक सप्ताह बाद शुक्रवार को भी दोनों देशों के एक-दूसरे पर हमले जारी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर युद्ध में सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर संघर्ष रोकने के लिए नए कूटनीतिक प्रयास शुरू होते दिख रहे हैं। 

ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र पर हमला किया जाए जो एक पहाड़ के नीचे स्थित है। इसे व्यापक रूप से पहुंच से बाहर बताया जाता है लेकिन अमेरिका के ‘बंकर बस्टर’ बम उसे नष्ट कर सकते हैं। 

ट्रंप ने कहा कि वह अगले दो सप्ताह के भीतर यह निर्णय लेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। उन्हें अब भी इस बात की ‘पर्याप्त’ संभावना दिखती है कि वार्ता के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका और इजरायल की मांगें पूरी हो सकती हैं।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अपने समकक्षों तथा यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक के साथ बैठक के लिए जिनेवा जा रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की और ऐसे समझौते की संभावना पर चर्चा की जिससे संघर्ष कम हो सकता है। 

जिनेवा के लिए उड़ान भरने से पहले अराघची ने ईरान के सरकारी टेलीविजन पर कहा कि उनका देश तब तक ‘‘किसी के साथ बातचीत नहीं करना चाहता’’ जब तक कि इजरायल के हमले जारी रहेंगे। उन्होंने अमेरिका पर इजरायल का “साथी और सहयोगी” होने का भी आरोप लगाया और कहा कि ट्रंप ईरान पर हमलों के बारे में बात करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट और साक्षात्कारों में नियमित रूप से “हम” शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को अपनी टिप्पणियों में कहा, ‘‘अमेरिकी लोग ही बातचीत चाहते हैं।’’ इन टिप्पणियों का प्रसारण शुक्रवार को किया गया। अराघची ने कहा, ‘‘उन्होंने कई बार संदेश भेजे हैं, बहुत गंभीर संदेश.. लेकिन हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया है कि जब तक यह आक्रामकता और हमला जारी रहेगा, बातचीत या कूटनीति के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है। हम उचित तरीके से आत्मरक्षा कर रहे हैं और यह रक्षा किसी भी परिस्थिति में नहीं रुकेगी।” 

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्विट्जरलैंड वार्ता केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ही केंद्रित रहेगी तथा ईरान की मिसाइल क्षमताएं ‘‘देश की रक्षा के लिए’’ हैं तथा इस पर चर्चा की गुंजाइश नहीं है। वहीं, इजरायल ने कहा कि उसके हवाई हमलों में और स्थानों को निशाना बनाया जाएगा। 

इजरायल ने कहा कि उसने शुक्रवार सुबह ईरान में हवाई हमले किए, जिसमें 60 से अधिक विमानों ने मिसाइलों के निर्माण से जुड़े औद्योगिक स्थलों को निशाना बनाया। उसने इन स्थानों के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। 
इजरायल ने यह भी कहा कि उसने ईरान के रक्षा नवाचार और अनुसंधान संगठन के मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसे फारसी में संक्षिप्त नाम एसपीएनडी के नाम से जाना जाता है। विगत में अमेरिका ने इस एजेंसी को परमाणु विस्फोटक उपकरणों के विकास से जुड़ा बताया था। 

उसने पश्चिमी ईरान में केरमानशाह और तबरीज के आसपास के क्षेत्रों को निशाना बनाकर हवाई हमले भी किए, जहां सेना ने कहा कि 25 लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार सुबह “मिसाइल भंडारण और प्रक्षेपण बुनियादी ढांचों” पर हमला किया। ईरानी मीडिया ने अभी इन हमलों में हुए नुकसान को स्वीकार नहीं किया है। 

ईरानी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार की सुबह इजरायली हवाई हमले कैस्पियन सागर के रश्त शहर तक पहुंच गए। इजराइल में पराचिकित्सा सेवा मैगन डेविड एडोम ने कहा कि ईरान ने मिसाइलों से दक्षिणी इजराइल के एक आवासीय क्षेत्र पर हमला किया, जिससे इमारतों को नुकसान पहुंचा है। उसने बताया कि उन्होंने पांच लोगों को उपचार मुहैया कराया है जिन्हें मामूली चोटें आयी हैं। 

इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था जब इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरल और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए थे। वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह के अनुसार, इन हमलों में ईरान में कम से कम 657 लोगों की मौत हो गयी है और 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।  


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