भारत

संसद के विशेष सत्र में हिमाचल के मुद्दे को उठाएगी कांग्रेस: प्रियंका गांधी – Utkal Mail


शिमला। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्राने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान की व्यापकता को देखते हुए केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश में विकट स्थिति बन गयी है और भारी क्षति हुई है। वाड्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए दिन-रात अथक प्रयास कर रही है।

इससे पहले सुक्खू और कांग्रेस महासचिव ने आज शिमला शहर के शिव बावड़ी, कृष्णानगर और कनलोग स्थित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री और प्रियंका गांधी ने शिव बावड़ी में प्रभावितों से बातचीत कर उनसे संवेदनाएं व्यक्त कीं। वाड्रा ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ पा रही है। 

प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को भारी क्षति हुई है और इस समय राज्य सरकार को स्थितियां सामान्य करने के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग की आवश्यकता है इसलिए केंद्र सरकार को राजनीतिक भेदभाव से दूर रह कर इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य के लोगों की उदारतापूर्वक मदद करनी चाहिए। उन्होंने इस विकट परिस्थिति में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर कार्य करने में प्रदेश की सहायता के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को संसद के विशेष सत्र की कार्य-सूची की जानकारी नहीं है परन्तु कांग्रेस पार्टी इस सत्र के दौरान हिमाचल के मुद्दे को उठाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को कुछ अहम मामलों का संवेदनशीलता के साथ समाधान करना चाहिए, केवल पार्टी आधार पर मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। केन्द्र सरकार को संकट के इस समय में राज्य को आपदा से उबारने में उदारतापूर्वक सहायता प्रदान करनी चाहिए। वाड्रा ने इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेश के लोगों की एकजुटता और सहयोग की भावना की सराहना भी की। 

उन्होंने कहा कि इस त्रासदी से निपटने के लिए हर क्षेत्र से लोग अपना मूल्यवान योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में सड़कों को पुनः बहाल करने के लिए महिलाओं के साथ-साथ अनेक लोग निःस्वार्थ भाव से श्रमदान कर रहे हैं। लोगों के इस निःस्वार्थ योगदान को देखकर उन्हें खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका से आयातित सेब पर शुल्क 35 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने से प्रदेश के सेब उत्पादकों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि भारी तबाही के कारण कठिनाइयों से गुजर रहे प्रदेश के बागवानों के हितों की रक्षा करने के बजाय केंद्र सरकार अमेरिका की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि बड़े व्यापारिक घराने हिमाचल प्रदेश में सेब की उपज की खरीद कम कीमतों पर कर रहे हैं, जिससे बागवानों को नुकसान हो रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावित परिवारों को पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है और राहत शिविरों में रहने वाले प्रभावित परिवारों को निश्चित किराया प्रदान करने का निर्णय लिया है ताकि उन्हें किराए पर उपयुक्त आवासीय सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत राहत शिविरों में अस्थाई तौर पर रह रहे परिवारों को उपयुक्त आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए उन्हें आवास का निश्चित मासिक किराया उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है। 

इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में राहत शिविरों में अस्थाई तौर पर रह रहे परिवारों को आवास किराए पर लेने के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह और शहरी क्षेत्रों में राहत शिविरों में रह रहे परिवारों को दस हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे।

प्रदेश में भारी बारिश के कारण प्रभावित हुए परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए अस्थाई तौर पर कई जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें से बहुत से शिविर स्कूलों और मेक शिफ्ट आवास में स्थापित किए गए हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अस्थाई शिविरों में शरण लेने वाले वाले परिवारों को उपयुक्त आवास किराए पर लेने के लिए प्रतिमाह निश्चित किराया प्रदान करने का निर्णय लिया है। 

ये भी पढे़ं- ‘इंडिया’ की समन्वय समिति की पहली बैठक आरंभ, सीटों के तालमेल समेत कई मुद्दों पर चर्चा

 


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button