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देर आए दुरुस्त आए… ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर कसा तंज – Utkal Mail

नई दिल्ली। कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर संसद में होने वाली चर्चा को लेकर रविवार को कहा कि यह चर्चा बहुत समय से लंबित थी लेकिन ‘‘देर आए दुरुस्त आए।’’ कांग्रेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को रुकवाने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के दावों समेत संसद में सोमवार को होने वाली इस चर्चा की पृष्ठभूमि से जुड़ी घटनाओं पर प्रकाश डाला। 

पार्टी नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘लोकसभा में कल से पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की बहस शुरू होगी और राज्यसभा में यह बहस परसों होगी। ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोके जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने तुरंत दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया। फिर भी, देर आए दुरुस्त आए।’’ 

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमला 22 अप्रैल को हुआ था लेकिन इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आतंकवादियों को अभी तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया है। उन्होंने कहा कि बताया गया है कि ये आतंकवादी पहले भी पुंछ (दिसंबर 2023), गगनगीर एवं गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) में हुए आतंकवादी हमलों में शामिल थे। 

रमेश ने कहा कि कांग्रेस की मांग पर 22 अप्रैल 2025 को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, लेकिन इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि रक्षा मंत्री ने की और इस बैठक में खुफिया एजेंसियों की चूक पर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि 30 मई 2025 को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के पहले दो दिन में हुई रणनीतिक गलतियों से जुड़े अहम खुलासे किए थे और ये खुलासे सिंगापुर में किए गए। 

रमेश ने कहा, ‘‘29 जून 2025 को जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास में तैनात एक रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजनीतिक फैसलों ने सैन्य अभियानों को बाधित किया। उन्होंने भारत के विमानों की संभावित क्षति की ओर भी संकेत किया।’’ 
उन्होंने कहा कि चार जुलाई 2025 को उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने वास्तव में चीन से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों ही स्तरों पर मुकाबला किया जो एक बिलकुल नया परिदृश्य था। 

रमेश ने कहा, ‘‘14 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पहलगाम हमला सुरक्षा तंत्र की निश्चित तौर पर विफलता थी।’’ उन्होंने कहा कि ट्रंप 10 मई से अब तक ‘‘26 बार’’ यह दावा कर चुके हैं कि ‘‘उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया, भारत के साथ व्यापार समाप्त करने की धमकी दी और यह भी कहा कि शायद पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए होंगे।’’ 

रमेश ने कहा, ‘‘उन्होंने (ट्रंप ने) पाकिस्तान के सेना प्रमुख को भोज पर बुलाया जो पहले कभी नहीं हुआ। अमेरिकी मध्य कमान के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी अभियानों में “बेहतरीन साझेदार” बताया तथा ठीक दो दिन पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की सराहना की।’’ 

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री के मीडिया प्रबंधकों की शह पर की गई अतिशयोक्तिपूर्ण रिपोर्टिंग ने उस विमर्श को हास्यास्पद बना दिया, जिसे गढ़ने की कोशिश’’ की जा रही थी। रमेश ने कहा कि यह विमर्श ‘‘देश के भीतर भले कुछ हद तक चला हो, लेकिन भारत से बाहर इसका कम ही प्रभाव’’ हुआ। 

विपक्षी दलों ने सोमवार को लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पहलगाम आतंकवादी हमले तथा ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा कराने पर सहमति जताई है। उम्मीद है कि संसद सत्र के पहले सप्ताह की कार्यवाही लगभग ठप रहने के बाद इस चर्चा से सामान्य स्थिति बहाल होगी।  


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