कुसुम्भा के खागल देव नाग मंदिर में नाग पंचमी पर लगेगा आस्था का मेला, जानें क्यों खास है धार्मिक स्थल – Utkal Mail

(दीपराज सिंह) बाराबंकी/देवा, अमृत विचार: बाराबंकी के देवा विकासखंड के कुसुम्भा गांव में स्थित खागल देव नाग मंदिर हर साल की तरह इस बार भी नाग पंचमी पर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन मान्यता इसे आस्था का विशेष स्थान बनाती है, जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।
पौराणिक कथा के अनुसार, कई वर्ष पहले एक साधु ने गांव में अनोखी शर्त रखी कि वे केवल उस गाय का दूध पिएंगे, जो ‘कलोर’ हो, यानी जिसने कभी बछड़े को जन्म न दिया हो। ग्रामीणों ने ऐसी गाय ढूंढ निकाली, लेकिन जब एक व्यक्ति ने गाय को देखने की कोशिश की, तो साधु ने नाग का रूप धारण कर लिया। उन्होंने ऐलान किया कि इस स्थान से साढ़े बारह गांवों तक उनकी शक्ति का प्रभाव रहेगा। साथ ही, जो भी सर्पदंश का शिकार होगा और सच्चे मन से उनकी अराधना करेगा, उसे जीवनदान मिलेगा।
तब से यह मंदिर नाग पंचमी पर आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन गया है। प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर साढ़े बारह गांवों की महिलाएं मंदिर में दूध और चावल चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूरी करती हैं। श्रद्धालुओं का दृढ़ विश्वास है कि नाग देवता की सच्ची भक्ति से सर्पदंश से मुक्ति मिलती है।
मेले की तैयारियां जोरों पर
इस बार भी नाग पंचमी के मौके पर मंदिर परिसर में एक विशाल मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेला कमेटी के कोषाध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा ने बताया कि सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। सोमवार को नाग पंचमी की पूर्व संध्या पर कोतवाली प्रभारी देवा द्वारा मेले का उद्घाटन किया जाएगा।
मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पीने का पानी, बिजली, सफाई और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम किया गया है।
देवा कोतवाली के प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने मेले के स्थल का दौरा कर बताया कि आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। मेला शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न होगा।
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