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बरेली में इस मंदिर पर कब्जा! 40 साल से नहीं हुई पूजा, शिवलिंग-कुआं अब कुछ नहीं… – Utkal Mail

बरेली, अमृत विचार : किला के कटघर इलाके में पुराने गंगा महारानी मंदिर और उसकी जमीन पर कब्जे का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि सौ साल पहले जमींदार ठाकुर लक्ष्मण सिंह ने यह जमीन मंदिर को दान की थी। बाद में यहां सहकारिता विभाग का गोदाम खुला जिसके लिए रखे गए चौकीदार वाजिद ने अपने परिवार को भी यहीं बुला लिया। अब चौकीदार वाजिद अपनी पत्नी, भाई, दो पुत्र और पुत्रवधुओं के साथ यहां रह रहे हैं लेकिन मंदिर का नामोनिशान मिट गया है। उसमें 40 साल से पूजा नहीं हुई है। जमींदार परिवार के वंशजों का दावा है कि यहां मंदिर होने की पुष्टि तहसील में मौजूद कागजों से की जा सकती है।

कटघर निवासी राकेश सिंह महाराज का दावा है कि उनके पूर्वज लक्ष्मण सिंह ने यह जमीन गंगा महारानी मंदिर को दान दी थी। वर्ष 1905 में इसके उर्दू में लिखे कागज तहसील सदर में मौजूद हैं। उनका कहना है कि मंदिर में एक सेवक रखा गया था जिसकी मृत्यु के बाद वहां एक कमरे को दौली रघुवरदयाल साधन सहकारी समिति को किराए पर देकर खाद बेची जाती रही, तब उस जगह पर नीम के पेड़ के नीचे शिवलिंग हुआ करता था। भवन के सामने एक कुआं भी था। मंदिर के एक हिस्से में गंगा महारानी की चरण पादुका थीं। उसके पीछे हिस्से में भी कुआं था। सब पूजा करने जाते थे, लेकिन अब वहां कुछ भी नहीं है। पूजा भी 40 साल से बंद है, क्योंकि सोसाइटी के जिस चौकीदार को एक कमरा दिया था, उसने यहां परिवार बसा लिया। अब उनके साथ पत्नी और दो बेटे, उनकी पत्नी और भाई भी रहते हैं।

चौकीदार वाजिद बोले- परिवार के साथ 40 साल से रह रहे हैं
मौके पर पहुंचने पर चौकीदार वाजिद बाहर ही मिल गए। उन्होंने बताया कि वह 40 साल पहले आए थे। उनके साथ बेटे साजिद, राकिब और उनकी पत्नी भी रहती हैं। वह सोसाइटी के चौकीदार हैं। उन्हें एक सचिव वेतन देता है। जिस कमरे के ऊपर सोसाइटी का बोर्ड लगा है, उसमें खाद रखी जाने का दावा भी किया। खुद को सरकारी चौकीदार बताया। इसी बीच बाइक पर उनके भाई इशफाक अली के साथ पहुंची उनकी पत्नी ने कहा कि सोसाइटी खाली होगी तो हम भी चले जाएंगे।

वंशज नरेंद्र सिंह बोले- कब्जा वाले भवन पर है गंगा महारानी मंदिर
लक्ष्मण सिंह के वंशजों में शामिल नरेंद्र सिंह ने बताया कि कब्जाए गए भवन में गंगा महारानी का मंदिर है। आरोप लगाया कि वाजिद और उनका परिवार मंदिर में किसी को जाने नहीं देता। एक कमरे में रहना शुरू कर धीरे-धीरे पूरा भवन कब्जे में कर लिया है। कुएं को भी पाट दिया है। पेड़ के नीचे शिवलिंग का कुछ पता नहीं है। गंगा महारानी मंदिर के चरण पादुका वाले कमरे में ताला लगा है। मंदिर में जब सब जगह से रास्ता ही बंद कर दिया है तो कौन झगड़ा करके मंदिर जाएगा।

ताले तोड़कर सोसाइटी का लिया था चार्ज
ब्लॉक क्यारा की दौली रघुवर दयाल साधन सहकारी समिति के सचिव विकास शर्मा ने बताया कि सोसाइटी के पूर्व सचिव की मृत्यु के बाद उन्हें तहसीलदार ने ताला तोड़कर समिति का चार्ज दिलाया था। कटघर में सोसाइटी के हिस्से में दो कमरे थे। उनमें ताले पड़े हैं। जब उन्होंने चार्ज लिया, तब एक चौकीदार था और भी कई परिवार वहां रह रहे थे। चौकीदार वाजिद से उन्होंने आधार कार्ड मांगा था, तब वाजिद ने बड़ी मुश्किल से आधार कार्ड दिया था। उस समय उसकी उम्र 72 साल थी।

बताया कि 2021 में उन्हें चार्ज मिला, तब से उन्होंने खुद को चौकीदार बताने वाले वाजिद को वेतन नहीं दिया है। कई साल से वहां खाद भी नहीं बांटी गई है। सचिव ने बताया कि मंगलवार को चौकीदार ने उनके पास आकर गोदाम में खाद उतरवाने का आग्रह किया था, तब उन्होंने चौकीदार से कह दिया था कि सोसाइटी का नया भवन दौली में बन गया है। अब उस जगह की जरूरत नहीं है।

वाजिद सहकारिता विभाग की सोसाइटी में चौकीदार है, इस तरह का कोई रिकार्ड विभाग में नहीं है। जिसने मुश्किल से आधार कार्ड दिखाया हो और तीन साल पहले 72 साल का हो, वह अब तक अपने को चौकीदार कैसे कह रहा है। पुराना मामला है, कल इसे दिखवाएंगे– बृजेश सिंह परिहार, एआर कोआपरेटिव।

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