मुश्किल में फंसे तेजस्वी यादव! दो मतदाता एपिक नंबर के मामले में चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण – Utkal Mail

पटना। चुनाव आयोग ने आज बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को नोटिस भेज कर कथित तौर पर दो अलग-अलग मतदाता फ़ोटो पहचान कार्ड (एपिक) नंबर रखने के लिए स्पष्टीकरण माँगा है।
चुनाव आयोग ने रविवार को भेजे गये अपने नोटिस में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद एक अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट सूची से अपना नाम बाहर होने के तेजस्वी यादव के दावे को खारिज किया है और इस संबंध में उनके बयान का हवाला देते हुए कहा है कि राजद नेता ने अपना एपिक नंबर आरएबी 2916120 बताया था।
चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि सत्यापन के बाद दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ने पाया कि एपिक नंबर आरएबी 2916120 आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। नोटिस में चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा कि तेजस्वी यादव के मतदाता पहचान पत्र का वास्तविक मतदाता पहचान पत्र क्रमांक आरएबी 0456228 है और इस मामले में राजद नेता से स्पष्टीकरण माँगा गया है।
तेजस्वी यादव के मतदाता पहचान पत्र का विवरण देते हुए, चुनाव आयोग ने कहा कि उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन) के क्रमांक 416 पर दर्ज है और मतदाता पहचान पत्र क्रमांक आरएबी 0456228 है।
चुनाव आयोग ने राजद नेता से 2 अगस्त को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके द्वारा उल्लिखित मतदाता पहचान पत्र क्रमांक आरएबी 2916120 का विवरण, मूल मतदाता पहचान पत्र सहित, उपलब्ध कराने को कहा है ताकि विस्तृत जाँच की जा सके।
चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी यादव का नाम आधिकारिक मतदाता सूची के प्रारूप में वैध मतदाता पहचान पत्र क्रमांक के साथ मौजूद है और तेजस्वी यादव द्वारा प्रदान किया गया दूसरा मतदाता पहचान पत्र क्रमांक अनधिकृत और अनाधिकारिक प्रतीत होता है।
इस बीच नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर पक्षपात और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है और कहा कि उनके द्वारा मतदाता पुनरीक्षण पर उठाए गए गम्भीर सवालों पर चुनाव आयोग चुप है। उल्लेखनीय है कि राजद नेता ने मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन के बाद दावा किया था कि न केवल उनका, बल्कि कई प्रमुख लोगों के नाम भी मसौदे से गायब हैं।
इस बीच चुनाव आयोग ने नेता प्रतिपक्ष के उस आरोप का भी खंडन किया जिसमे दावा किया गया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व्यास जी और उनकी पत्नी का नाम भी ड्राफ्ट सूची से गायब है। इस सम्बंध में चुनाव आयोग के स्पस्टीकरण के बाद व्यास जी ने माना कि उनका नाम सूची में है।
इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया और कहा कि दो मतदाता पहचान पत्र रखना एक गंभीर अपराध है। इस सम्बंध में उन्होंने तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की।
कुमार ने कहा कि अगर कोई नेता अपनी पहचान के बारे में निश्चित नहीं है, तो वह जनता का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यादव पहले से ही कई भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल हैं और यह “एपिक घोटाला” राजनीतिक कदाचार का एक और उदाहरण है। भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने भी इस मामले को “गंभीर” बताया और पूरे राजद और लालू परिवार के मतदाता पहचान पत्रों की जाँच करने की माँग की।