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भारत में Tata Group और Airbus मिलकर बनाएंगे हेलीकॉप्टर, 2026 में शुरू होगी एच-125 की आपूर्ति  – Utkal Mail

नई दिल्ली। फ्रांस की विमान निर्माण कंपनी एयरबस ने सिविल उपयोग के लिए सबसे लोकप्रिय एच-125 हेलीकॉप्टरों का निर्माण भारत में करने के लिए टाटा समूह के साथ एक समझौता किया है। इन हेलीकॉप्टरों की भारत में आपूर्ति के साथ साथ आसपास के देशों को निर्यात भी किया जाएगा। टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) एयरबस हेलीकॉप्टरों के निर्माण के लिए फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) स्थापित करेगी। 

एफएएल का स्थान एयरबस और टाटा समूह द्वारा संयुक्त रूप से तय किया जाएगा। गुजरात के वडोदरा में ‘मेक इन इंडिया’ सी-295 सैन्य विमान निर्माण सुविधा के बाद यह एयरबस द्वारा भारत में निर्मित होने वाली दूसरी एफएएल होगी। कंपनी के अनुसार एफएएल को स्थापित होने में 24 महीने लगेंगे और पहले ‘भारत निर्मित’ एच-125 की आपूर्ति 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। 

भारत में एफएएल में प्रमुख घटक असेंबलियों, एवियोनिक्स और मिशन सिस्टम, विद्युत हार्नेस की स्थापना, हाइड्रोलिक सर्किट, उड़ान नियंत्रण, गतिशील घटकों, ईंधन प्रणाली और इंजन को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। यहां से भारत और आसपास के देशों में ग्राहकों के लिए एच-125 का परीक्षण, प्रमाणन और वितरण भी किया जाएगा। एच-125 दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर है जो अपनी श्रेणी के अन्य हेलीकॉप्टरों से कहीं अधिक ताकतवर और लोकप्रिय है। 

यह उच्च प्रदर्शन वाला बहुमुखी हेलीकॉप्टर एयरबस के एक्यूरुइल परिवार का सदस्य है, जिसने दुनिया भर में 3.8 करोड़ से अधिक उड़ान घंटे अर्जित किए हैं। एच-125 माउंट एवरेस्ट पर उतरने वाला एकमात्र हेलीकॉप्टर है, जो अत्यधिक ऊंचाई एवं अत्यंत प्रतिकूल वातावरण में भी संचालन में कुशल है। इसकी क्षमता एवं दक्षता के कारण इस हेलीकॉप्टर का अग्निशमन, सुरक्षा अभियानों, बचाव, हवाई एम्बुलेंस, यात्री परिवहन और कई अन्य विशिष्ट मिशनों के लिए भी उपयोग किया जाता है। 

एयरबस ने कहा कि उनकी यह नवीनतम घोषणा भारत में एक समग्र एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के कंपनी के प्रयासों का हिस्सा है। जहां कंपनी विमान असेंबली, घटक विनिर्माण, इंजीनियरिंग, डिजिटल डिजाइन एवं विकास, एमआरओ सुविधाओं के निर्माण के अलावा पायलट सहित रखरखाव के लिए प्रशिक्षित एवं कुशल कामगारों की उपलब्धता के लिए शैक्षणिक सहयोग कर रही है, वही दूसरी ओर वह भारत में अपने औद्योगिक निर्माण कार्य का विस्तार कर रही है।

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