Sawan: सावन कल से, मंदिरों में भगवान शिव की पूर्जा अर्चना की तैयारियां शुरू, पहले सोमवार पर बन रहा अनूठा संयोग – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार। भगवान शिव की विशेष आराधना का महीना सावन शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे। पहले सोमवार 14 जुलाई को इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। 9 अगस्त को आवणी पूर्णिमा के साथ सावन का समापन हो जाएगा। उसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। सावन के लिए मंदिरों में तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पंचागों के अनुसार आषाढ़ी पूर्णिमा 10 जुलाई को है। इसके अगले दिन 11 जुलाई से सावन शुरू हो जाएगा। सावन नौ अगस्त तक रहेगा। उन्होंने बताया कि पूरे सावन ही भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन सोमवार को व्रत रखकर शिव पूजा का विशेष महत्व है।
गजानन संकष्टी और आयुष्मान योग का संयोग
सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई, दूसरा 21, तीसरा 28 जुलाई को व चौथा और अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ेगा। दो सोमवार कृष्ण पक्ष और दो शुक्ल पक्ष में पड़ेगे।
राशि के अनुसार भोलेनाथ को करे प्रसन्न
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि अगर भक्त अपनी राशि के अनुसार पूजा में वस्तुएं अर्पित करें तो मनोकामना पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- मेषः पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और नागकेसर व धतूरे के पुष्प चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा नागेश्वराय नमः मंत्र जपना चाहिए।
- वृषभः शिव का अभिषेक इत्र या सुगंधित तेल से करें और पूजा में चमेली के फूल और अबीर चढ़ाकर रुद्राष्टाक का पाठ करे। ॐ नागेश्वराय नमः का रोज 108 बार जप करे।
- मिथुनः गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें तो शुभ होगा, साथ ही शिवजी को धतूरा, भांग चढ़ाकर ॐ नमः शिवाय का एक माला जाप करे।
- कर्क: शिवलिग का भांग मिश्रित दूध से अभिषेक करना चाहिए। रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करने और महादेव के बारह नाम का स्मरण करने से लाभ होगा।
- सिंहः गुड़ के जल से भगवान शिव का अभिषेक करें और कनेर का पुष्प अर्पित करें। शिवालय मे शिव चालीसा और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का रोज रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करें।
- कन्याः शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग अर्पित कर ॐ नमः शिवायः मंत्र का जाप और शिव चालीसा का पाठ रोज करना चाहिए।
- तुलाः सावन में शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाएं और जल, मिश्री मिले दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए शिव के सहस्रनाम का जाप करना चाहिए। शिवाष्टक का पाठ करना उत्तम होगा।
- वृश्चिकः पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। भोलेनाथ को नील कमल व बिल्वपत्र की जड़ चढ़ाएं और नित्य रुद्राष्टक का पाठ करना चाहिए।
- धनुः सुबह दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए। शमी पत्र, पीले पुष्प अर्पित कर प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाए और शिवाष्टक का पाठ करे।
- मकरः शिवलिंग पर जल अर्पित करे, शांति और समृद्धि के लिए धतूरा, पुष्प, भांग और अष्टगंध चढ़ाकर पार्वतीनाथाय नमः मंत्र का जाप 108 बार करना अच्छा रहेगा। साथ ही शिव चलीसा का पाठ करें।
- कुंभः जल में शहद मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। बिल्व पत्र चढ़ाए और ॐ नमः शिवाय और शिवाष्टक का पाठ करने से आर्थिक लाभ मिलेगा।
- मीनः पूरे सावन मास शिवलिग पर पंचामृत, दही, दूध व पीले पुष्प चढ़ाना चाहिए। चंदन की माला से 108 बार पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय का जाप करना चाहिए।