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Karva Chauth 2023: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, करवा चौथ कब मनाया जाएगा? व्रत और पूजा का सही समय नोट करें – Utkal Mail


Karva Chauth 2023 वर्तमान समय में अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सुख और सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। वहीं अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी हो जाती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है।

HIGHLIGHTS

  1. वर्तमान समय में अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
  2. इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है।
  3. इस वर्ष 31 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है।

 Karva Chauth 2023: सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में करवा चौथ, छठ, दिवाली, भाई दूज, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अखंड सुहाग के लिए व्रत रखती हैं। वर्तमान समय में अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। वहीं, अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी हो जाती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इसके लिए व्रती (महिलाएं) करवा चौथ की डेट को लेकर असमंसज में हैं। आइए, करवा चौथ की सही डेट, व्रत एवं पूजा समय जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात में 09 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी , जो अगले दिन यानी 1 नवंबर को 09 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। आसान शब्दों में कहें तो सूर्योदय के पश्चात ही तिथि की गणना होती है। अतः उदया तिथि में व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इस प्रकार 1 नवंबर को व्रत रखना फलदायी होगा। व्रती 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखी सकती हैं।

व्रत समय

धर्म शास्त्रों में करवा चौथ के दिन निर्जला उपवास रखने का विधान है। अतः व्रती दिन भर निर्जला उपवास करती हैं। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत समय प्रातः काल 06 बजकर 33 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 15 मिनट तक है। इस समय में व्रती निर्जला उपवास रखें।

पूजा समय

करवा चौथ के दिन महिलाएं दिन भर उपवास रखती हैं और संध्याकाल में पूजा करती हैं। इस वर्ष पूजा का सही समय संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 06 बजकर 54 मिनट तक है। इस समय में व्रती करवा माता की पूजा-अर्चना कर सकती हैं। इस दिन चंद्र दर्शन का समय संध्याकाल 08 बजकर 15 मिनट से है। व्रती संध्याकाल में 08 बजकर 15 मिनट पर चंद्र दर्शन कर व्रत खोल सकती हैं।


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