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जीन थेरेपी जीएसटी मुक्त, नमकीन पॉपकॉर्न पर पांच प्रतिशत लेकिन मीठे पर 18 प्रतिशज GST, वित्त मंत्री ने बताया बैठक क्या-क्या फैसले हुए – Utkal Mail

जैसलमेर। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 55वीं बैठक में जीवन रक्षक जीन थेरेपी को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के साथ कई अहम निर्णय लिये गये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री या इस मंत्रालय का काम देख रहे मंत्रियों ने भाग लिया।

बैठक के बाद  सीतारमण ने संवाददात सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी को कम करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि इसके लिए गठित मंत्रियों के समूह को अभी और समय चाहिए। इस पर अभी रेगुलेटर आईआरडीएआई की टिप्पएणी नहीं मिली है। उसके बाद समूह इसे फाइनल करेगा और उसके बाद ही यह जीएसटी काउंसिल में आएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल रेट को कम करने का सवाल नहीं है, इस पर डिटेल से विचार करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया गया है। फोर्टिफाइड राइस का जनवितरण प्रणाली में वितरण किया जाता है। काली मिर्च और किशमिश पर स्थिति साफ कर दी गई है। अगर कोई किसान इसे बेचता है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 2000 रुपये से कम पेमेंट करने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स को जीएसटी से छूट देने का फैसला दिया है। 

उन्होंने कहा कि बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण को समय पर नहीं चुकाने के कारण लगने वाले जुर्माने पर अब नहीं लगेगा। इस पर जीएसटी नहीं लेेने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि फ्लोर स्पेस इंडेक्स यानी एफएसआई पर जीएसटी रिवर्स चार्ज या फॉरवर्ड चार्ज में होना चाहिए लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। भूमि राज्य का विषय है और इससे नगरपालिका के राजस्व पर भी असर पड़ेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि छोटी कंपनियों को रजिस्ट्रेशन में बहुत दिक्कत होती है। इसके लिए एक कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया गया है। इससे नया रजिस्ट्रेशन प्रोसेस आएगा। इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत होगी। इस नोट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे छोटी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान होगी। 

उन्होंने कहा कि क्विक कॉमर्स पर विस्तार से चर्चा हुई लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पॉपकॉर्न पर भी स्थिति साफ की। सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा लेकिन कैरमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत कर लगेगा। जीएसटी काउंसिल ने प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड आइटम्स की परिभाषा में भी बदलाव की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा कि नए ईवी खरीदने पर 5 फीसदी जीएसटी है। पुराने ईवी यदि एक आदमी दूसरे को बेचेगा तो इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन अगर कोई कंपनी इसे खरीदती है तो मार्जिन पर 18 फीसदी कर लगेगा। केंद्र सरकार ने इस पर 5 फीसदी कर लगाने की सिफारिश थी लेकिन इस पर विस्तार से चर्चा के बाद इसे 18 फीसदी करने का फैसला किया गया है।

सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में राज्य नहीं हैं। आज इस पर विस्तार से चर्चा हुयी लेकिन राज्यों ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जीएसटी में नहीं आना चाहिए। इसके साथ ही राज्यों ने विमानन ईंधन को भी इसके दायरे में लाने का समर्थन नहीं किया।

उन्होंने कहा कि फूड डिलीवरी ऐप पर जीएसटी पर विस्तार से चर्चा हुई लेकिन इसे टाल दिया गया है। इसी तरह इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुआ कि डिलीवरी चार्ज और खाने पर अलग से जीएसटी लगाया जाना चाहिए या नहीं। 50 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश कंटेट वाले ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट ब्लॉक्स पर 12 फीसदी जीएसटी दर लागू होगी।

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