पाकिस्तानी जला रहे बिजली बिल, पाक सरकार लोगों का गुस्सा शांत करने में विफल – Utkal Mail
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बिजली बिलों में भारी बढ़ोत्तरी को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं कार्यवाहक सरकार नागरिकों को कोई राहत देने में विफल रही है और वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नाराजगी से बचने और नागरिकों की परेशानी के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश कर रही है। यह जानकारी डॉन ने बुधवार को दी। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंतरिम मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे का समाधान करने में असहायता व्यक्त की, यहां तक कि किश्तों में बिजली बिल लेने पर भी दुविधा है जब तक कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष इसे अपनी मंजूरी प्रदान नहीं करता। अंतरिम सूचना मंत्री मुर्तजा सोलंगी ने बाद में एक निजी टीवी चैनल से कहा कि सरकार बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत उपायों के संबंध में आईएमएफ से बातचीत कर रही है और जल्द ही इस पर निर्णय होने की उम्मीद है।
او چن تے چڑھ گئے تے ساڈا زور بس چن چڑھان تے وے۔۔۔
Pakistanis burning electricity bills in Peshawar to protest massive hike in power prices. #Pakistan pic.twitter.com/FwLHb2hEtw
— Suhaib Zuberi (@SuhaibZuberi) August 25, 2023
सोलंगी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने उपभोक्ताओं को अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने हालांकि, कहा कि इन फैसलों के कुछ निहितार्थ हैं, जिन पर आईएमएफ की स्वीकृति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे वित्त मंत्री शमशाद अख्तर उनसे बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम जल्द ही घोषणा करने की स्थिति में होंगे। सोलंगी ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि हम बिना किसी कठिनाई के एक निर्णय पर पहुंचा जाएंगे क्योंकि कार्यवाहक मंत्रिमंडल द्वारा अंतिम रूप दिए गए राहत उपायों से प्राथमिक अधिशेष और परिपत्र ऋण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आगामी चुनाव के सवाल पर मंत्री ने कहा कि कार्यवाहक सरकार का चुनाव की तारीख से कोई लेना-देना नहीं है, उन्होंने बल देकर कहा कि यह चुनाव अधिनियम में नए संशोधन के तहत चुनाव आयोग का जनादेश है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार ईसीपी को उसके कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार परिसीमन के बाद चुनाव प्रचार के लिए सभी राजनीतिक दलों को 54 दिनों का समय देना अनिवार्य है।
इस बीच, मंगलवार की बैठक से जुड़े एक सूत्र ने डॉन से कहा कि अंतरिम मंत्रिमंडल ने कहा कि अंतरिम व्यवस्था उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दे सकती है, लेकिन यह बिलों को चार से छह किस्तों में विभाजित करने की अनुमति दे सकती है। सूत्र ने कहा कि किस्तों के मामले में भी सरकार को आईएमएफ से पूर्व अनुमति लेनी होगी। मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों ने किस्तों के विकल्प का भी विरोध किया और आशंका व्यक्त किया कि आने वाले महीनों में बिजली के क्षेत्र में लक्ष्य से कम प्राप्तियां आईएमएफ को परेशान कर सकती हैं। दूसरी ओर, एक सोच यह भी है कि उपभोक्ता आने वाले महीनों में बढ़े हुए बिलों का भुगतान चार से छह किस्तों में आसानी से कर सकते हैं क्योंकि सर्दियों में बिजली की खपत में भारी गिरावट दर्ज होती है।
सोमवार को, सोलंगी ने डॉन से कहा कि अंतरिम सरकार वास्तविक रूप से राहत देगी, न कि बोझ को कम करने के लिए मासिक किस्तों में बिलों को बांटेगी। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया था कि सरकार आईएमएफ के साथ समझौते पर विचार करने में असहाय है और एक भरा हुआ परिपत्र ऋण किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा। इस बीच, बिजली बिलों को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन मंगलवार को पांचवें दिन लगातार जारी रहा, जिसमें नागरिक सड़कों पर उतर आए, सड़कों को जाम किया और बिजली की बढ़ती कीमतों पर गुस्से का इजहार करते हुए अपने बिजली बिलों को आग लगा दी।
जमात-ए-इस्लामी ने भी बिजली बिलों के खिलाफ दो सितंबर (शनिवार) को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय टीम और व्यापारियों और नागरिक समाज के के बीच मंगलवार को हुई बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई। परिणामस्वरुप, व्यापारियों ने दोहराया कि बिजली बिलों के खिलाफ और लोकहित के अन्य मुद्दों के लिए गुरुवार को मुजफ्फराबाद डिवीजन में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शटर-डाउन और चक्का-जाम किया जाएगा।
बैठक में मुजफ्फराबाद के व्यापारियों के निर्वाचित अध्यक्ष और एक्शन कमेटी का नेतृत्व करने वाले शौकत नवाज मीर ने डॉन से कहा कि यह बैठक सरकार की इच्छा पर आयोजित की गई थी और आधिकारिक टीम में निचले सदन के स्पीकर चौधरी लतीफ अकबर और मुजफ्फराबाद डिवीजन के चार मंत्री शामिल थे। उन्होंने कहा कि जब हमने उनके समक्ष अपनी मांग रखी तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई भी निर्णय लेना उनकी पहुंच से बाहर है और उन्हें प्रधानमंत्री से बात करनी होगी जो कि आधिकारिक टीम की बेबसी को साबित करने के लिए पर्याप्त है।
वहीं, पाकिस्तान के प्रांत पंजाब के शहर गोजरा सदर पुलिस ने बढ़े हुए बिजली बिलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले करीब 158 लोगों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए। इस बीच एक अन्य घटना में फैसलाबाद के पास दिजकोट में साबरी टाउन इलाके के निवासी मुहम्मद हमजा (35) ने 40 हजार रुपये बिजली बिल का भुगतान करने में विफल रहने पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। मृतक के परिवार ने बताया कि आर्थिक रूप से कमी के कारण उनका मानसिक संतुलन पहले ही सही नहीं था इसलिए, बिजली बिल का भुगतान करना उनके सामर्थ्य से बाहर था। उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
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