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उत्तर कोरिया ने 10 हजार सैनिकों के बाद अब अपने विदेश मंत्री को रूस भेजा  – Utkal Mail

सियोल। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि उसके शीर्ष राजनयिक रूस की यात्रा कर रहे हैं। यह रूस के साथ उसके गहराते रिश्ते का एक और संकेत है। वहीं, प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में रूस के युद्ध में मदद के लिए अपने हजारों सैनिकों को भेजा है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि विदेश मंत्री चोई सोन हुई (Choe Son-hui) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को रूस के लिए रवाना हुआ। हालांकि केसीएनए की खबर में यात्रा के उद्देश्य का जिक्र नहीं किया गया है। 

चोई की यात्रा की घोषणा से कुछ समय पहले अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने रूस में लगभग 10,000 सैनिक भेजे हैं, जिनके ‘‘अगले कुछ सप्ताहों’’ के भीतर यूक्रेन के युद्धक्षेत्रों में पहुंचने की उम्मीद है। दक्षिण कोरियाई और पश्चिमी नेताओं ने चिंता व्यक्त की है कि उत्तर कोरिया की संलिप्तता यूक्रेन में रूस की आक्रामकता को बढ़ाने में सहायक हो सकती है तथा बदले में रूस उत्तर कोरिया को ऐसी प्रौद्योगिकी प्रदान कर सकता है, जो उसके परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रम से उत्पन्न खतरे को बढ़ा सकती है। 

पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिक पहले ही यूक्रेन के करीब पहुंच चुके हैं और माना जा रहा है कि वे कुर्स्क सीमा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं, जहां रूस यूक्रेनी घुसपैठ को पीछे धकेलने के लिए संघर्ष कर रहा है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक येओल ने सोमवार को यूरोपीय संघ (ईयू) आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के महासचिव मार्क रूट के साथ टेलीफोन पर बातचीत में दक्षिण कोरिया का खुफिया आकलन साझा किया कि उत्तर कोरियाई सैनिकों को ‘‘अनुमान से अधिक तेजी से’’ युद्धक्षेत्रों पर तैनात किया जा सकता है। 

यून के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया और रूस के बीच अवैध आदान-प्रदान की निगरानी और उसे रोकने के उद्देश्य से यूरोपीय देशों की सरकारों के साथ निकट समन्वय का आह्वान किया। उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती के दावों को शुरू में नकारने के बाद उत्तर कोरिया और रूस ने एक अस्पष्ट रुख अपनाया है, जिसमें कहा गया है कि उनका सैन्य सहयोग अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है। हालांकि उन्होंने रूस में उत्तर कोरियाई सेना की मौजूदगी को सीधे तौर पर स्वीकार नहीं किया है। 

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