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Bhai Dooj 2024: सिर्फ ढ़ाई घंटे का है शुभ मुहूर्त, जानें समय और तिलक का महत्व – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचारः भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस साल पंचांग अनुसार भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज (bhai dooj) को यम द्वितीया नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन बहने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए भगवान यम की पूजा करती हैं।

क्यों मनाते हैं भाई दूज 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाई दूज के दिन बहने यमराज से अपने भाइयों के लंबी उम्र की कामना करती है। इन दिन का महत्व एक कथा से जुड़ा हुआ है। भगवान यमराज ने अपनी बहन यमुना से यमुना नदी का स्वच्छ पवित्र जल प्राप्त करने का वरदान मांगा। अपने भाई की चिंता से परेशान होकर यमुना ने भाई यमराज को वरदान के रूप में विशेष जल दिया। जिसके फलस्वरूप यमराज को क्रोध से मुक्ति मिल गई। वे दुःख और संकट से मुक्त हो जाते हैं। इसी लिए भाई दूज को “यम द्वितीया” भी कहा जाता है, यमराज की कृपा और आशीर्वाद से इस दिन भाइयों को सुखी जीवन की प्राप्ती होती है और वे क्रोध, दुःख और संकट से मुक्त हो जाते हैं। 

यमुना ने भी मांगा था वरदान

स्नान के बाद यमुना ने यमराज का पूजन कर उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन परोसकर खिलाया। यमुना के आतिथ्य से यमराज काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने अपनी बहन से कोई भी वरदान मांगने को कहा। जिसके बाद यमुना ने कहा कि हे भद्र! आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करें और मेरी तरह जो भी बहन अपने भाई का पूरे आदर के साथ सतकार करें, उसे आपका भय कभी न रहे। इसे सुनकर यमराज ने तथास्तु कहकर, बहन यमुना को अमूल्य वस्त्र और आभूषण दिए और वापस से यमलोक चले गए। तभी से इस दिन भाई दूज मनाने की परंपरा चली आ रही है। 

भाई दूज पूजन का शुभ मुहूर्त- 
लखनऊ के पंडित गोमती शंकर के अनुसार द्वितीय तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8 बजकर 22 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 3 नवंबर रात 11 बजकर 6 मिनट को होगी। ऐसे में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज पूजन का समय दिन में 11:45 मिनट से 1:30 मिनट तक काफी उत्तम रहेगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर बहनें अपने भाइयों के शुभ मुहूर्त पर तिलक करती हैं, तो भाइयों की उम्र लंबी होती है। साथ ही दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के तिलक लगाती हैं और उनकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। 

भाई दूज पूजन और तिलक विधि-
बहनों को उत्तर-पूर्व दिशा में मुंह कराके भाई का तिलक करना चाहिए और फिर मुंह मीठा कराना चाहिए। फिर उनकी आरती उतारनी चाहिए और नारियल देना चाहिए। वहीं भाईयों को बहनों को उपहार देना चाहिए, ऐसा करना शुभ माना जाता है।

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