रक्षाबंधन आज, भद्रा के साए के बाद बांधे राखी, राशि अनुसार ऐसे बांधे राखी मिलेगा लाभ – Utkal Mail
लखनऊ,अमृत विचार: भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन सोमवार को मनाया जाएगा। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षासूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त 1:30 के बाद से रात 8:52 तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार, सावन की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। पूर्णिमा सोमवार सुबह 3:04 बजे से रात 11: 55 बजे तक है। सुबह में 5:53 बजे से दोपहर 1:30 तक भद्राकाल रहेगा। भद्राकाल में रक्षा सूत्र बांधना शास्त्र सम्मत नहीं है। शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 के बाद से रात 8:52 तक रहेगा। रक्षासूत्र बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:, मंत्र का उच्चारण भी करें। इस बार पूर्णिमा पर सोमवार के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग,रवि योग,शोभन योग का शुभ संयोग भी है।
राशि के रंग के अनुसार बधवाएं राखी
मेष-लाल रंग की राखी बांधे, वृष-सफेद, सिल्वर रंग की राखी बांधे, मिथुन-हरे रंग या चंदन से बनी राखी बांधे, कर्क-सफेद रंग या मोतियों की बनी राखी बांधे, सिंह-पीला, गुलाबी या सुनहरे रंग की राखी बांधे, कन्या-हरे रंग या सफेद रेशमी राखी बांधे, तुला-आसमानी रंग, सफेद, क्रीम कलर की राखी बांधे, वृश्चिक-गुलाबी, लाल रंग की राखी बांधे, धनु-पीले रंग या रेशमी राखी बांधकर, मकर नीले, सफेद, सिल्वर कलर की राखी बांधने, कुंभ-सिल्वर, पीले रंग की राखी बांधे, मीन-पीले रंग की राखी बांधे।
राखी पूजा विधी
रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए सबसे पहले पूजा की थाली तैयार करें एक थाली में रोली, चन्दन, दही, राखी, अक्षत, मिठाई और घी का एक दीपक रखें। सबसे पहले पूजा की थाली भगवान को समर्पित करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठा दें। फिर भाई को पहले माथे पर तिलक लगाएं। रक्षासूत्र बांधकर उसकी आरती करें। इसके बाद उसका मुंह मीठा करके लंबी आयू की मंगल कामना करें। रक्षासूत्र बांधने के वक्त एक बात का ध्यान रखें की दोनो में से किसी का भी सर खुला न हो। रक्षासूत्र बंधवाने के बाद भाई माता-पिता का आशीर्वाद लें और बहन के पैर छूकर उसे गिफ्ट दे।