महिलाओं के अनुकूल यात्रा सेवा ऐप के फायदे- नुकसान – Utkal Mail
रोटरडम (नीदरलैंड)। एशिया में महिलाओं के अनुकूल यात्रा सेवा मुहैया कराने वाले ऐप का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन महिलाओं की सुरक्षा और आवागमन पर इसके प्रभाव के बारे में ज्यादा पड़ताल नहीं की गई है। परिवहन के पारंपरिक साधनों में लैंगिक हिंसा की व्यापकता को देखते हुए यह चिंताजनक है, खासतौर पर दक्षिण एशिया में जहां महिलाओं को स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में अधिक रोक-टोक का सामना करना पड़ता है। यात्रा सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी ‘टोटल’ की बात करें तो नेपाल के काठमांडू में हुए शोध दिखाते हैं कि नेपाल के स्वामित्व वाली यात्रा संवा कंपनी में लैंगिकता का मुद्दा प्रमुखता से उठा। टोटल के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिक्षित भट्टा ने कहा ,‘‘ इसकी शुरुआत 2017 में हुई थी और यह यात्रा सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी मात्र नहीं है बल्कि इसका विचार आवाजाही की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केंद्रित है।’’
उन्होंने कहा कि ‘टोटल’ आवाजाही की स्वतंत्रता का विस्तार करना चाहता है, खासतौर पर इसलिए क्योंकि काठमांडू का सार्वजनिक परिवहन दिव्यांगजनों और महिलाओं के प्रति सुविधाजनक नहीं रहा है। ‘टोटल’ ने अपनी कारोबारी रणनीति महिलाओं पर केन्द्रित की क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं घरों से बाहर निकलती हैं और उन्हें परिवहन के लिए वाहनों की जरूरत होती है। इथियोपिया में भी इसी प्रकार के विचारों के साथ यात्रा सेवा मंच ‘सेरेगेला’ की शुरुआत की गई,इसमें खास तौर पर महिला चालकों को रखने पर विचार किया गया। महिला यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए चालक के तौर पर अधिक महिलाओं को भर्ती करना संभवतः सबसे प्रभावी रणनीति है। महिला चालक होने से महिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना पैदा होती है।
‘टोटल’ ने यात्रियों को पुरुष अथवा महिला चालक का चयन करने का विकल्प अपने ऐप पर दिया है और इस प्रकार से महिलाओं की सुरक्षा के प्रति विश्वास दिलाने की कोशिश की है। हालांकि अधिक संख्या में महिला चालकों को जुटाना थोड़ा जटिल कार्य है, इसलिए अधिकतर पुरुष ही वाहन चलाते हैं। एक पुरुष यात्री ने साक्षात्कार में बताया कि एक बार यात्रा के लिए वाहन का उसे लंबा इंतजार करना पड़ा और जब उसने वाहन चालक (पुरुष)से इसकी शिकायत की तो चालक ने कहा, ‘‘ आपको खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए क्योंकि आप आज मेरे पहले पुरुष यात्री हैं। मैं कभी पुरुषों को यात्रा सेवा नहीं देता केवल महिलाओं को देता हूं। महिलाओं को मोटरसायकिल के पीछे बैठा कर ले जाना मजेदार है।’’
हालांकि इस मामले में किसी भी महिला पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन चालक का रवैया उन आंकडों को प्रतिबिंबित करता है जो यात्रा के दौरान या बाद में पुरुष चालकों के उत्पीड़न के बारे में महिला यात्रियों ने ऑनलाइन साझा किए हैं। ये मामले आम हैं और तब भी जारी है जब कंपनियां चालकों को नियमों का पालन करने और आचरण ठीक रखने के लगातार निर्देश देती हैं। नए चालकों से कहा जाता है कि वे महिलाओं के साथ छेडछाड नहीं करें, ऐसी टिप्पणियों से बचें जो यौन इशारे वाली हों । इसके अलावा महिलाओं को चालकों के करीब बैठने के लिए कहने से बचना चाहिए, या इस तरह ब्रेक नहीं लगाना चाहिए कि महिला यात्री का शरीर चालक से छुए।
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