अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़नः तथ्यान्वेषी समिति ने दिए विश्वविद्यालय को जरूरी निर्देश, नए तरीके से होगी जांच – Utkal Mail

मुंबई, अमृत विचारः अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। मामले की जांच कर रही तथ्यान्वेषी टीम के एक सदस्य ने शिक्षण संस्थानों में अनधिकृत प्रवेश पर रोक और सीसीटीवी निगरानी जैसे सुझाव दिए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा गठित टीम के सदस्य और महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक बसों में सीसीटीवी सुविधा और कैब में अलार्म बटन भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की खातिर ‘ऑडियो-विजुअल’ तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। वहीं ऐसे मामलों की जांच की निगरानी मुख्य रूप से महिलाओं सहित आईपीएस अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए।
प्रवीण दीक्षित ने कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई भी होनी चाहिए। उनके सुझावों वाली एक रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी जाएगी। पिछले सप्ताह चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में 19 वर्षीय छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न की घटना का संज्ञान लेते हुए एनसीडब्ल्यू ने इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया। पुलिस ने यौन उत्पीड़न के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एनसीडब्ल्यू सदस्य ममता कुमारी सहित तथ्यान्वेषी समिति घटना की जांच के लिए सोमवार को चेन्नई में थी। दौरे के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी दीक्षित ने यौन उत्पीड़न संबंधी मामलों की जांच के लिए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शरारती तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रवेश नियंत्रण होना चाहिए और प्रत्येक आगंतुक का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए। दीक्षित ने सुझाव दिया, ‘‘शिक्षण संस्थानों के परिसरों में दीवारें, सीसीटीवी जैसे भौतिक बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए जाने चाहिए और तीसरे पक्ष के सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से उसकी नियमित जांच की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि शिकायत की पुष्टि के लिए महिलाओं सहित चिकित्सा अधिकारियों द्वारा तुरंत जांच की जानी चाहिए।
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