धर्म

हजरत इब्राहिम शाह का उर्स : सूफियों की दरगाह पर कोई भेदभाव नहीं होता – Utkal Mail

अयोध्या, अमृत विचार : हजरत इब्राहिम शाह मखदूम का सालाना उर्स सोमवार जश्ने शबे मेराज व जलसा ए दस्तार हिफजुल कुरान के साथ हुआ। निजामत दरगाह के खादिम हाफिज उवैस रजा कादरी ने की। 
प्रोग्राम का आगाज मदरसा इब्राहिमी या गुलशने औलिया के मौलाना कमर सुहानी की तिलावते कुरआन से हुआ। 

इस मौके पर फजिले बगदाद हजरत मौलाना मुफ्ती मुख्तारुल हसन ने फ़रमाया मजहबे इस्लाम ने सारी दुनिया को अमन और मोहब्बत का पैगाम दिया। सुफियों के दरगाहों पर कोई भेद भाव नहीं है। इसलिए हर धर्म समुदाय के लोग अल्लाह के वलियों के दर पर हाजरी देते हैं। इसके अलावा सुल्तानपुर से आए हुए मौलाना सगीर जुनैदुल कादरी ने अजमते कुरआन पर रौशनी डाली। हजरत मौलाना अजीमुद्दीन बहराईची ने भी अहम खिताब फरमाया। मदरसा इब्राहिमिया से फारिग होने वाले तलबा की दस्तार बंदी की रस्म अदा की गई।

शायरों में सरताज फैजी सिद्धार्थनगर, मुसीम गोंडवी, कारी शकील टांडवी, मौलाना हैदर रजा अयोध्या, हाफिज नूर आलम गोंडवी, बदुरुददूजा बस्तवी खादिम मौलवी मजब अली ने मनकबत के पेश किए। मुख्य रूप से दरगाह कमेटी के आशिक अली, अरशद अंसारी, मजफूज वारसी, सद्दाम, असलम अंसारी, आजम कादरी, ईमरान अंसारी, लाल कुरैशी, चाँद, रहमान, नईम खान, आफाक भोलू, राज वारसी आदि लोग मौजूद रहे।

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