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Monsoon Alert : केरल पहुंचेगा मॉनसून, IMD का अनुमान, 4 दिन पहले दक्षिण भारत में देगा दस्तक  – Utkal Mail

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अगले चार से पांच दिनों में केरल पहुंचने की संभावना है, जो मॉनसून के आने की एक जून की सामान्य तिथि से पहले है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि मॉनसून 27 मई तक केरल में दस्तक देगा। 

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, अगर मॉनसून उम्मीद के मुताबिक केरल पहुंचता है तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर सबसे जल्दी दस्तक देने वाला मॉनसून होगा। 2009 में मॉनसून 23 मई को आया था। आईएमडी ने मंगलवार दोपहर को अद्यतन जानकारी देते हुए कहा, ‘अगले चार से पांच दिनों में केरल में मॉनसून के दस्तक देने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।’ 

आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू हो जाता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। पिछले साल मॉनसून केरल में 30 मई को पहुंचा था, 2023 में यह आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था। 

आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मॉनसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था। इसमें ‘अल नीनो’ की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है। आईएमडी के अनुसार, 50 साल के औसत 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच 87 सेंटीमीटर की वर्षा को ‘सामान्य’ माना जाता है। 

दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कम’ माना जाता है, 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से कम’, 105 प्रतिशत से 110 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य से अधिक’ तथा 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा को ‘अत्यधिक’ वर्षा माना जाता है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मॉनसून महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका को सहयोग प्रदान करता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। मॉनसून देश भर में पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए अहम जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग IMD ने मंगलवार को बेंगलुरु के लिए मौसम का ‘ऑरेंज अलर्ट’ और कर्नाटक के विभिन्न स्थानों के लिए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है। ‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब है 11 सेमी से 20 सेमी तक की बहुत भारी बारिश, और ‘यलो अलर्ट’ का मतलब है छह सेमी से 11 सेमी के बीच भारी बारिश। आईएमडी बेंगलुरु केंद्र के निदेशक एन. पुवियारसु ने कहा कि उन्होंने बेंगलुरु के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, और बारिश शहर को प्रभावित कर सकती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘जितनी बारिश हो रही है यह ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन बेंगलुरु जैसे शहरों में कंक्रीट का अधिकतर निर्माण हो चुका है और इस कारण जल निकासी के रास्ते अवरुद्ध हो रहे हैं, इसलिए हमने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, ताकि अधिकारी तदनुसार तैयारी कर सकें।’’ 

आईएमडी के बयान के अनुसार, बागलकोट, बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, बेलगाम, चिक्कबल्लापुरा, धारवाड़, गडग, ​​कोलार, कोप्पल, विजयनगर जिले आज बारिश से प्रभावित रहेंगे। इस बीच, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरू के 70 प्रतिशत चिन्हित क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या का समाधान कर लिया गया है। शिवकुमार ने सोमवार को बेंगलुरु के साई लेआउट, मान्यता टेक पार्क और सिल्क बोर्ड जंक्शन सहित प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जिसके बाद संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने शहर में 210 क्षेत्रों की पहचान की है जहां बाढ़ आ सकती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘जब से मैंने बेंगलुरु विकास मंत्री का पद संभाला है, हमने 166 (70 प्रतिशत) इलाकों में बाढ़ की समस्या का समाधान किया है। वर्तमान में 24 इलाकों में बाढ़ रोकथाम कार्य किया जा रहा है, जबकि शेष 20 इलाकों में भी जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। हमने 197 किलोमीटर लंबे जल निकासी नाले बनाए हैं।’’ सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर शिवकुमार ने कहा कि बारिश प्रकृति द्वारा नियंत्रित होती है और वे ‘नियंत्रण कर पाने वाली चीजों को नियंत्रित करने’ का प्रयास कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में सुधार कर रहे हैं और आम लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। सिल्क बोर्ड जंक्शन, हेब्बल और येलहंका क्षेत्र में बारिश बहुत अधिक हुई है। इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर अंडरपास का काम किया जा रहा है और ये इलाके जलमग्न हैं। हम इन मुद्दों को हल करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे।’

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