मुहर्रम 2025 : शान-ओ-शौकत से निकली हजरत कासिम की मेंहदी – Utkal Mail

अमृत विचार, लखनऊ : सातवीं मोहर्रम को आसिफी इमामबाड़े से शाही मेंहदी का जुलूस निकाला गया। हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से निकाले जाने वाले इस जुलूस में लालटेन, शाही बाजा, शहनाई, सबील, हाथी और ऊंट पर सवार लोग, झंडियां लिए हुए बच्चे और हाथों में बल्लम लिए शाही वर्दी पहने जवान जुलूस की शक्ल भी शाही बना रहे थे।
हजरत इमाम हसन के 13 साल के बेटे हजरत कासिम की मेंहदी पूरी शान-ओ-शौकत के साथ निकली तो जुलूस में नौहा गूंज रहा था :- बेवा शब्बर की रोकर पुकारी. मेरे बच्चे की आती है मेंहदी, लोग करते है क्यों आहो-जारी मेरे बच्चे की आती है मेंहदी।
हजरत कासिम की मेंहदी ठीक उसी शान से निकली जैसे कि शादी के वक्त मेंहदी भेजी जाती है। मेंहदी के साथ फल, मेवा और मलीदा भी था। जुलूस में पीएसी के जवान बैंड पर नौहे की धुन बजा रहे थे। बड़े इमामबाड़े से निकलकर रूमी गेट, घंटाघर और रईस मंजिल होता हुआ जुलूस देर रात में छोटे इमामबाड़े पहुंचा। जुलूस के दौरान जुलूस के रास्ते पर बड़ी संख्या में सबीलों का इंतजाम किया गया था। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जुलूस के साथ मौजूद रहे। सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और आरआरएफ को तैनात किया गया था। ड्रोन कैमरे की नजर पूरे इलाके पर थे।
कश्मीरी मोहल्ला स्थित शर्गा पार्क से दरगाह हजरत अब्बास तक मेंहदी का जुलूस निकाला गया। जुलूस के आगे बच्चे हाथों में झंडियां लिए हुए चल रहे थे। जुलूस में मेंहदी के साथ-साथ अलम, ताबूत, हजरत अली असगर का झूला और जुलजनाह को शामिल किया गया था। जुलूस में छोटे बच्चे खाली कूजों को सिर पर रखे हाय-हाय कासिम कहते चल रहे थे। जन्नत मआब सोसाइटी ने इमामबाड़ा तकी साहब चौक में शादी जनाबे कासिम का दिल सोज मंजर पेश किया। शाहगंज स्थित मस्जिद मुनसरी में भी मेंहदी की जियारत करायी गयी।
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